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रहन-सहन

होली का त्योहार और गुझिया

होली का त्योहार और गुझिया

होली का त्योहार आते ही फागुनी मस्ती में मिठास घुल जाती है। इस मिठास का स्वाद और बढ़ जाता है जब इसमें गुझिया की खुशबू और रंगत भी शामिल हो जाते हैं। होली के पर्व पर यह खास पकवान घर-घर बनाया जाता है।
काले रंग का गया जमाना

काले रंग का गया जमाना

काला रंग पार्टी के लिए सबसे अहम रंग माना जाता रहा है। लेकिन अब यह बीती बात हो गई है। फैशन डिजाइनरों की मानें तो ‘नए काले’ के रूप में अब सफेद उभर रहा है।
24 करोड़ बच्चों के पेट में कीड़ा

24 करोड़ बच्चों के पेट में कीड़ा

भारत के अलग-अलग हिस्सों में आप बच्चों के किसी भी डॉक्टर के पास जाएं, वहां आने वाले मां-बाप की एक आम शिकायत यही होती है कि उनका बच्चा ठीक से खाता-पीता नहीं है, या फिर यह कि खाता तो ठीक से है मगर बच्चे का उस अनुपात में वजन नहीं बढ़ रहा या उसकी लंबाई नहीं बढ़ रही।
मोबाइल ऐप से जानिए अंगूर की बेटी की असलियत

मोबाइल ऐप से जानिए अंगूर की बेटी की असलियत

अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया है। इस एप्लीकेशन के जरिये अब ग्राहक अपनी पसंदीदा ब्रांड की शराब की वैधता परख सकेंगे।
रेस्तरां में भी शुद्ध शाकाहारी भोजन

रेस्तरां में भी शुद्ध शाकाहारी भोजन

अब बाहर होटलों और रेस्तरां में भी शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलने लगा है। पहले तेल मसालों की अधिकता, शुद्धता और शाकाहारी भोजन में बहुत अधिक विकल्प न होने से बाहर खाने के कई शौकीन मन मसोस कर रह जाते थे। पर अब ऐसा नहीं है। शाकाहार के बढ़ते चलन ने फिजा बदल दी है।
बेदखल आदिवासियों का लुप्त होता भोजन

बेदखल आदिवासियों का लुप्त होता भोजन

धीरे-धीरे आदिवासी भोजन खत्म होने की कगार पर पहुंच रहा है। परंपरागत आदिवासी भोजन न मिलनेकी वजह से 54 फीसदी आदिवासी बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। यूनिसेफ और आदिवासी मामलों के मंत्रालय की संयुक्त पड़ताल में सामने आया है कि इसकी मुख्य वजह जंगल संबंधी नई नीतियां हैं, जिनके चलते आदिवासियों को उनके परंपरागत एवं पोषक भोजन से दूर कर दिया गया।
इंद्रहार दर्रे की ट्रेकिंग का रोमांच

इंद्रहार दर्रे की ट्रेकिंग का रोमांच

अगर आप इस्राइली संस्कृति के रंग में रंगना चाहते हैं, शकशुका (इस्राइली व्यंजन) के चटखारे लेना चाहते हैं और साथ-साथ धौलाधार रेंज के पथरीले पहाड़ों पर बोल्डर क्लाइंबिंग के शौकीन हैं तो हिमाचल प्रदेश में इंद्रहार दर्रा एकमात्र जगह हो सकती है। हालांकि 4342 मीटर की ऊंचाई पर धौलाधार पर्वतमाला की इंद्रहार चोटी फतह करना हर किसी के बूते की बात नहीं। नंगे पहाड़ के सिरे तक जाना चुनौती है शरीर और दिल दोनों के लिए। हम भी कुछ दिन के लिए इस अदभुत दुनिया में शरीक हुए।
चंद सावधानियां बचा सकती हैं स्वाइन फ्लू से

चंद सावधानियां बचा सकती हैं स्वाइन फ्लू से

देश में 600 से ज्यादा लोगों की जान ले चुके स्वाइन फ्लू के फैलने के लिए अनुकूल मौसम के अलावा घनी आबादी भी उतनी ही जिम्मेदार है। हालांकि डॉक्टरों का कहना चंद सावधानियां ही इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए काफी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल कहते हैं कि वह मरीजों को यही सलाह देते हैं कि फ्लू के लक्षण उभरते ही तीन दिनों तक खुद को भीड़भाड़ से दूर रखें, मास्क का इस्तेमाल करें और लोगों से हाथ मिलाने से परहेज करें।
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