भारत भर से आईं पाठको की चिट्ठियां
दिल्ली और पंजाब में पताका फहराने के बाद 2024 के लोकसभा चुनावों के पहले सभी राज्य चुनावों की तैयारी में आप हर असंतुष्ट को अपने पाले में करने में जुटी
केंद्रीय एजेंसियों का राकांपा-शिवसेना नेताओं पर शिकंजा कसा तो महाराष्ट्र पुलिस ने भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई तेज की, क्या राज्य में कोई बड़ा उलट-फेर होने वाला है?
कान्हा टाइगर रिजर्व में वनकर्मियों की हत्या से सरकार पर्यटन पर संकट के अंदेशे से हरकत में आई
भूपेश सरकार पर फर्जी मुठभेड़ों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और वनाधिकार पर अमल करने का दबाव बढ़ा
विधान परिषद के हालिया चुनावों में राजद ने भूमाय समीकरण का आगाज करके सनसनी फैलाई
समाज, परिवार, सरकार सबकी उपेक्षा की शिकार ट्रांसजेंडर बिरादरी के लोगों ने अपने दर्द भरे मगर कामयाब सफर मं, ऐसे पताके फहराए, जो यकीनन बेमिसाल
कुछ ऐसे ट्रांसजेंडरों की कहानियां जो बताती हैं कि स्थितियां कोई भी हों, हौसला होना चाहिए
शिक्षा, स्वास्थ्य और नौकरी के क्षेत्र में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए अब भी बड़ी मुश्किलें
ट्रांस लोगों को ही ट्रांस की भूमिका देनी चाहिए क्योंकि वे अपनी पीड़ा और खुशी बेहतर दिखा सकते हैं
मशहूर प्रोडक्शन हाउस बॉम्बे टॉकीज ने अपनी पहली फिल्म जवानी की हवा के साथ दिखाने के लिए बॉम्बे क्वाड्रेंगुलर टूर्नामेंट के प्रसारण अधिकार खरीदे थे
इस समय दुनिया में नौवीं रैंकिंग प्राप्त लक्ष्य सेन ने अगले ओलंपिक में भारत के लिए पदक की संभावनाएं बढ़ाईं
ग्लैमर जगत की हलचल
नई सरकार और नए गठबंधन के लिए राहें न आसान हैं, न इमरान को खत्म हुआ मानना सही, असली चाबी अब भी फौज के पास
सबसे बड़े आर्थिक संकट में देश के घिरने के बाद लाखों आम लोग भेदभाव भूलकर राजपक्षे सरकार के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन
धामी समान नागरिक संहिता उत्तराखंड की जरूरत बताते हैं जबकि राज्य में अल्पसंख्यक आबादी बेहद थोड़ी है
उन्होंने मैं हिजड़ा मैं लक्ष्मी नाम से किताब लिखी और समाजसेवा के बाद किन्नर अखाड़े की स्थापना कर इस समुदाय की धर्म में पुनर्स्थापना की कोशिश की है
गीतांजलि श्री से बातचीत
पुस्तक में नई विश्व व्यवस्था की चुनौतियां, समाज में बढ़ते अपराध, राजनीति में मूल्यों का क्षरण है
सांस्कृतिक अभिव्यक्तियां निरंतर सिमटती जा रही हैं
बाजार के हाथ यह टोना लग गया जैसे, भूख, गरीबी, शोषण बिकाऊ माल है उसी तरह स्त्री का गुस्सा भी
लेखकों का विभाजन संपादकों की नहीं वरन अतीत के बदलावों की देन है
ट्रांसजेंडर बिरादरी को मुख्यधारा में शामिल किए बगैर समावेशी समाज की कल्पना नहीं की जा सकती
मॉल संस्कृति के बीच मामूली आवागमन वाला शहर