हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान सिंह अरसे से हिमाचल प्रदेश में पहाड़, नदी, जंगल, पर्यावरण बचाने के संघर्ष में जुटे हुए हैं। हालिया तबाही पर उनसे अभिषेक श्रीवास्तव ने विस्तार से बातचीत की। प्रमुख अंश:
जलवायु परिवर्तन, धारासार बारिश और भूस्खलन की तबाही का चश्मदीद इस साल ऐसी घटनाओं से एक हद तक अनजान हिमाचल प्रदेश बना और लगभग समूचा उत्तर भारत बाढ़ में डूबने-उतराने लगा, हिमालय यही चेतावनी दूसरे इलाकों में दे चुका है लेकिन विकास की धारा अनसुना करने की जिद पर अड़ी, क्या है हल?
अप्रत्याशित बारिश और बाढ़ से हुई तबाही में चरमराया प्रदेश क्या विकास परियोजनाओं पर फिर से विचार करेगा
तबाही बहुत बड़ी, अकल्पनीय है। बारिश ने पिछले 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है
अनियंत्रित और अवैज्ञानिक विकास की अवधारणा ने किया बंटाधार
भारी बारिश और बाढ़ से हुई जबरदस्त तबाही के बीच नेताओं के अपने-अपने राजनीतिक दांव
कश्मीर घाटी में जलवायु परिवर्तन और सड़क-सुरंगें बिछाने के अवैज्ञानिक तरीकों से भूस्खलन और बाढ़ के खतरे बढ़े
कुदरती आपदा का हल्ला कर देश के बुनियादी ढांचे को निजी हाथों में बेचने का मास्टरप्लान विनाश की जड़
जैसे–जैसे खेल जगत को अहमियत मिलने लगी, खिलाड़ियों के दिन फिर गए। अब खेल जगत अरबों-खरबों का साम्राज्य बन गया है और खिलाड़ी माया के स्वामी
जब तक मैं कंफर्ट जोन में काम करती रहूंगी, तब तक कुछ सार्थक, कुछ महत्वपूर्ण करना संभव नहीं होगा
पर्सनल लॉ में कोई भी बदलाव भारतीय समाज में और धार्मिक टकराव ही पैदा करेगा, उसे जोड़ेगा नहीं
किताब याद दिलाती है कि सत्ता लेखकों को नहीं बचाती, बचाती उनकी किताबें हैं जिन्हें उनके दोस्त बचाते हैं
विंबलडन में हाल के वर्षों में कमाल के मैच कम ही देखे गए। जोकोविच अपनी आठवीं ख़िताब जीतने के लिए कोर्ट में उतरे थे तो अल्काराज अपनी पहली विंबलडन ट्राफी के लिए। आखिरकार रोमांचक मैच में जीत युवा खिलाड़ी की हुई
हमारा समय झूठ के विस्तार और आधिपत्य का है। मिलान कुन्देरा ने हमें चेताया है कि झूठ के साम्राज्य से, फिर वह कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो, अनाक्रान्त रहकर साहित्य का धर्म सच बोलना है