इंटरनेट के इस्तेमाल से खुद को नहीं रोक पाते तो संभल जाएं, यह आपको बीमार और निकम्मा बना सकता है, देश में दोगुने हुए मामले
इस चुनाव में लोगों को राजनैतिक पार्टियों से जीवन स्तर में सुधार करने के विकल्पों के बारे में पूछना चाहिए, वरना अगले पांच साल भी जाति, धर्म के टंटे में उलझे रह जाएंगे
महा मुकाबले की मोर्चेबंदियां दोनों ओर लगभग तय, 2019 भी साबित हो सकता है अहम सियासी मुकाम
सपा-बसपा गठबंधन सत्तारूढ़ भाजपा को महती चुनौती, दिल्ली गद्दी की राहें तय करेगा यही गणित
मैदानी सच्चाइयों और क्षेत्रीय दलों की महत्वाकांक्षाओं को ध्यान में रख रणनीति बदल सकते हैं राहुल गांधी
अब आया वरिष्ठों और सहयोगियों का ख्याल, केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों की भी शिद्दत से शुरू हुई तलाश
मोदी सरकार के सत्ता में आने के पहले दिन से ही विरोधी दलों की खेमेबंदी शुरू हो गई
इस बार चुनाव तय करेंगे कि निर्णायक, मजबूत नेतृत्व चाहिए या साझा संतुलित नेतृत्व
चुनावों में धनबल का इस्तेमाल तब तक नहीं रुकेगा जब तक उम्मीदवारों का चयन स्थानीय स्तर पर न हो
बघेल सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौर के बड़े कांडों पर जांच बैठाई तो पूर्व मुख्यमंत्री ने बदले की कार्रवाई बताकर उठाए सवाल
चौकोणीय मुकाबले में हर पार्टी के दिग्गज जुटे, पूरी सरकार लगी
तेज पिचों की धाकड़ टीम को उसी की जमीन पर पछाड़ कर भारतीय तेज गेंदबाजों ने दिखाया कि अब कोई नहीं मुकाबले में
जी मैं वसंत हूं, ऋतुओं वाला वसंत, मैं शहर में आ तो गया, लेकिन मुझे कहीं खिलने का स्थान दिखाई नहीं दे रहा
यह भारत की मूल संवैधानिक भावना के खिलाफ है और पूर्वोत्तर के जातीय समुदायों में डर पैदा करता है और फिर इसमें कुछ समूहों के प्रति भेदभाव भी निहित है, इसी वजह से अदालती समीक्षा में नहीं टिक पाएगा
आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण को उम्मीदों और संवैधानिकता पर खरा उतरना बाकी
एक देश, एक कर व्यवस्था जीएसटी में तमाम संशोधनों के बावजूद अभी भी बदलाव का सिलसिला जारी
जीएसटी का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म टैक्स चोरी के लिए साबित हो रहा वरदान, फर्म रजिस्ट्रेशन के लिए पते की मौके पर जाकर पड़ताल का नहीं है प्रावधान
हमने बेहतर बुनियादी ढांचे, प्रशिक्षण और पौष्टिक खान-पान के बारे में अधिक जागरूकता, बेहतर सेट-अप के कारण तेज गेंदबाजों को विकसित किया है
यह किताब उस अफसाने को रोशनी दिखाती है, जो यह मानता है कि बंटवारे के लिए देश के सभी मुसलमान दोषी रहे हैं
दो खंडों में यह पुस्तक राष्ट्रीय परिघटना को समझने, उन पर नई दृष्टि डालने को मजबूर करती है
इतिहास लेखन में पूरी तरह न्याय न होने के कारण भी मुसलमानों के योगदान को ठीक से जाना नहीं गया
मायावती पर होने वाले अधिकांश प्रहारों के पीछे दलित-विरोधी मानसिकता काम करती रही है