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Search Result : "अंग्रेजी पत्रकारिता"

ब्रिटेन से सीखो, बंद करो उर्दू और अरबी की पढ़ाई: शिवसेना

ब्रिटेन से सीखो, बंद करो उर्दू और अरबी की पढ़ाई: शिवसेना

शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रिटेन की सरकार से सीखने की नसीहत दी है, जिसने ब्रिटेन में अपने पति के साथ जीवनसाथी वीजा पर रह रहीं महिलाओं को अंग्रेजी न बोल पाने पर उनके देश वापस भेजने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही शिवसेना ने यह भी कहा है कि भारत के मदरसों में पढ़ाई के माध्यम के रूप में उर्दू और अरबी का इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए और उनका स्थान अंग्रेजी या हिंदी को दिया जाना चाहिए।
छत्‍तीसगढ़ चुनाव फिक्सिंग? चुनाव आयोग ने दिए जांच के निर्देश

छत्‍तीसगढ़ चुनाव फिक्सिंग? चुनाव आयोग ने दिए जांच के निर्देश

पिछले साल छत्तीसगढ़ में एक विधानसभा सीट पर पिछले साल हुए उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच सौदेबाजी का मामला सामने आया है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस ने इस मामले में एक ऑडियो टेप जारी किया है जिससे राज्‍य की सियासत में तूफान खड़ा हो गया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने टेप विवाद में अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस मामले में चुनाव आयोग ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं।
युद्ध या प्रेम: हम किस चीज से प्यार करें?

युद्ध या प्रेम: हम किस चीज से प्यार करें?

मास्को की मुलाकात कोई औपचारिक इंटरव्यू नहीं थी। न ही यह लुक-छिपकर की गई कोई भेंट थी। बढ़िया बात यह थी कि हमारा मिलना किसी सतर्क, कूटनीतिक, औपचारिक एडवर्ड स्नोडेन से नहीं हुआ। अफसोस की बात यह है कि कमरा नंबर 1001 में हुए मजाकों, हास्य और मसखरेपन को उसी तरह व्यक्त नहीं किया जा सकता।
बिहार चुनाव में कैसे पलटा भाजपा का अंकगणित

बिहार चुनाव में कैसे पलटा भाजपा का अंकगणित

बिहार चुनाव में क्यों इतनी क्रूरता से पलटा भाजपा का भाग्य। भाजपा के प्रवक्ता और समर्थक महागठबंधन के अंकगणित और विपक्षी एकता को ही बढ़-चढ़कर अपनी हार की मुख्य वजह बताने मे लगे हैं। इस बहस में यह तथ्य बिल्कुल ही नजरअंदाज कर दिया गया कि हाल के चुनाव में भाजपा के परंपरागत मतदाताओं के अच्छे खासे प्रतिशत ने पार्टी का साथ छोड़ दिया।
अंग्रेजी में निपुण होंगे पंजाब के स्कूली छात्र

अंग्रेजी में निपुण होंगे पंजाब के स्कूली छात्र

पंजाब के स्कूली छात्र अब बेहतर अंग्रेजी बोलना सीखेंगे। तीन सदस्यीय ब्रिटिश शिष्टमंडल और पंजाब के शिक्षा मंत्री डॉ.दलजीत सिंह चीमा के बीच आज हुई मुलाकात में इस पर बातचीत की गई। ब्रिटिश शिष्टमंडल में नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उचायुक्त के सचिव ऊर्जा, वातावरण तथा विकास यूनिट फरांसेज हुपर, चंडीगढ़ स्थित ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर डेविड लेलीअट और एनर्जी एंड लोअ कार्बन ग्रोथ एडवाईजर जावेद माला थे।
राजेंद्र राव की कहानी 'दोपहर का भोजन'

राजेंद्र राव की कहानी 'दोपहर का भोजन'

राजेंद्र राव शिक्षा और पेशे से भले ही इंजीनियर रहे हों, मगर उनका मन सदैव साहित्य और पत्रकारिता में ही रमा रहा । तकनीकी और प्रबंधन के क्षेत्र में काफी समय बिताने के बाद अवसर मिलते ही साहित्यिक पत्रकारिता में आ गए। कृतियों में एक उपन्यास, सात कथा संकलन और कथेतर गद्य के बहुचर्चित संकलन उस रहगुजर की तलाश है । संप्रति दैनिक जागरण में साहित्य संपादक।
आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
अब अंग्रेजी में पढ़िए मंटो

अब अंग्रेजी में पढ़िए मंटो

लघु कहानियां लिखने वाले मशहूर किस्सागो सआदत हसन मंटो की कहानियों का संग्रह का अब अंग्रेजी अनुवाद उपलब्ध है। युनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन मेडिसन में उर्दू साहित्य और इस्लामी अध्ययन के मानद प्रोफेसर मुहम्मद उमर मेमन ने इस संग्रह का अनुवाद किया है। इसे माई नेम इज राधा : द एसेंशियल मंटो नाम से प्रकाशित किया गया है जो हिंदी या उर्दू न समझ पाने वाले पाठकों को मंटो की दुनिया में ले जाएगी
प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवई विलक्षण प्रतिभा के धनी पत्रकार, प्रवक्ता, बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता थे। उनका अकस्मात हमारे बीच से चले जाना जनतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और शांति आंदोलनों के लिए एक बड़ा झटका है। आज के विपरीत समय में अपनी बेबाक शैली, सुव्यवस्थित विश्लेषण और दुस्साहस के स्तर तक जोखिम उठाने की क्षमता के चलते वे अनेक युवा और आदर्शवादी पत्रकारों के प्रेरणास्रोत रहे। उनकी वैज्ञानिक और संपूर्ण दृष्टि तथा ऐतिहासिक बोध, उनकी विश्लेषण क्षमता का मूल मंत्र रहा। इसी ने उन्हें हमेशा खास बनाए रखा और जीवनभर उनकी लेखनी की चमक यूं ही बनी रही।
सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

दूरदर्शन द्वारा संस्कृत-समाचार प्रसारण की अवधि बढ़ाने के निर्णय पर कोई खास आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि संस्कृत मोदी सरकार के एजेंडे में है। इस निर्णय का निहितार्थ भी आसानी से समझ में आने वाला है, इसलिए इस पर सवाल भी उठेंगे ही। इस ऐलान के बाद लोगों के जेहन में सबसे पहला सवाल तो यह है कि संस्कृत में न्यूज बुलेटिनों और समाचार-चर्चा के कार्यक्रमों का दर्शक या श्रोता वर्ग कौन है? दूसरा सवाल यह है कि देश में कितने लोग ऐसे होंगे जो वास्तव में संस्कृत माध्यमों से इन कार्यक्रमों की बाट जोह रहे हैं? ये महज शोशा है या इसकी कोई ठोस जरूरत है?
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