समाचार चैनल एबीपी न्यूज और सर्वे एजेंसी नीलसन के चुनाव पूर्व सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल में एक बार फिर ममता बनर्जी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने जा रही हैं। सर्वे ने बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटों में से ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को 178 सीटें दी हैं जबकि वाम मोर्चा और कांग्रेस के पर्दे के पीछे हुए गठबंधन को 110 तक सीटें मिल सकती हैं।
सीडी कांड में तृणमूल कांग्रेस के जिन नेताओं पर आरोप लगे हैं, उन्हें साथ लेकर चुनाव प्रचार में ममता बनर्जी घूम रही हैं। वे यह संकेत दे रही हैं कि ये लोग बेदाग हैं और सीडी कांड साजिश है। दूसरी ओर, उनकी ही पार्टी के सांसद दिनेश त्रिवेदी इस मसले पर बगावत का झंडा उठाने की तैयारी कर रहे हैं। जिन नेताओं पर दाग लगे हैं, उन्हें घर बैठने की सलाह दी है पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी ने।
कर्मचारियों के लिए छह फीसद महंगाई भत्ते (डीए) की किश्त की घोषणा कर केन्द्र सरकार ने चुनावी राज्यों वाली सरकारों पर दबाव बना दिया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केन्द्र की मोदी सरकार की घोषणा से बौखलाई बताई जा रही हैं, क्योंकि वहां सरकारी कर्मचारियों के स्तर पर चुनौतियां ज्यादा हैं। बंगाल सरकार के कर्मचारियों तनख्वाह केन्द्र से अब 54 फीसद कम हो गई है। अब ममता बनर्जी राज्य सरकार के कर्मचारियों को खुश करने का रास्ता ढूंढ रही हैं। यही हाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में भी है। हालांकि, इन राज्यों में तनख्वाहें छह से 12 फीसद ही कम हैं। इसलिए, कर्मचारियों की नाराजगी की चिंता नेताओं को कम है।
वाममोर्चा-कांग्रेस गठजोड़ को लेकर अब सोनिया गांधी भी सामने आ गई हैं। उन्होंने बंगाल कांग्रेस की हेवीवेट नेता दीपा दासमुंशी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने को कहा है। दीपा दासमुंशी को सोनिया गांधी ने इसी बारे में बात करने दिल्ली तलब किया था। सूत्रों के अनुसार, उन्हें विपक्षी गठबंधन के ओर से माकपा नेता सूर्यकांत मिश्र के साथ प्रोजेक्ट किया जा सकता है।
तृणमूल घूसकांड को लेकर ममता बनर्जी क्राइसिस मैनेजमेंट में जुट गई हैं। बंगाल की सत्ताधारी पार्टी में दरार दिखने लगी है। नेताओं के एक वर्ग की नाराजगी उभर आई है। बंगाल में तृणमूल के नेताओं के बीच असंतोष न भड़के उसके लिए पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने निजी तौर पर नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को उन्होंने कोलकाता से दिल्ली भेजा है।
सांसदों का ‘रिश्वत कांड’ एक बार फिर गूंज उठा। ममता बनर्जी देश की उन नेताओं में से हैं, जिन पर व्यक्तिगत भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लग सकते। जार्ज फर्नांडिस पर ‘तहलका स्टिंग आपरेशन’ के कारण आरोप लगा, लेकिन जार्ज को भ्रष्ट और बेईमान नहीं माना गया।
पंद्रह साल पहले। 13 मार्च, 2001 का बहुचर्चित स्टिंग `ऑपरेशन वेस्ट एंड'। सीडी में फर्जी हथियार डीलर बनकर गए एक व्यक्ति से एक लाख रुपए लेते दिखाए गए थे भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण। तब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल थी तृणमूल कांग्रेस और इस पार्टी की सुप्रीमो ममता बनर्जी अटल बिहारी वाजपेयी की तत्कालीन सरकार में रेल मंत्री थीं। उस वक्त ममता बनर्जी ने बंगारू लक्ष्मण और तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के इस्तीफे की मांग उठाई थी। इस्तीफा न होने पर समर्थन वापसी की धमकी दी थी।
‘पोरिबोर्तोन’ (बदलाब) का जो नारा लेकर ममता बनर्जी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंची थीं, वही नारा अब विपक्षी वाममोर्चा और कांग्रेस के लिए धारदार हथियार बनने लगा है। ऐसे में सवाल उठता है कि वे आगे क्या लाइन लेंगी? पेश है ममता बनर्जी से दीपक रस्तोगी की कुछ समय पूर्व हुई बातचीत के प्रमुख अंश: