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Search Result : "अंध विश्‍वास"

ट्रंप एवं पुतिन ने विश्‍व शांति के लिए काम करने पर जताई सहमति

ट्रंप एवं पुतिन ने विश्‍व शांति के लिए काम करने पर जताई सहमति

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को पहली बार फोन पर बात की और दोनों देशों के बीच संबंधों के अत्यंत असंतोषजनक हालात को सामान्य करने को लेकर मिलकर काम करने की आवश्यकता पर सहमति जताई।
'अच्‍छे‍े‍ दिन':भारत में बिजनेस आसान नहीं,विश्‍व बैंक ने दिया130वांं स्‍थान

'अच्‍छे‍े‍ दिन':भारत में बिजनेस आसान नहीं,विश्‍व बैंक ने दिया130वांं स्‍थान

विश्‍व बैंक की रिपोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार के विकास के दावों पर गहरी चोट पहुंचाई है। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट कहती है कि भारत कारोबार करने में आसान देशों की रैकिंग में 130 वें पायदान पर है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में कारोबार करना कितना कठिन है। पिछले साल के मुकाबले भारत की रैंकिंग में हालांकि एक पायदान का सुधार हुआ है, लेकिन वो भी इसलिए क्योंकि विश्‍व बैंक ने भारत की पिछले साल की रैंकिंग को संशोधित कर 130 वें स्थान से 131वें स्थान पर कर दिया। इसे मानने की बजाय केंद्र की मोदी सरकार ने इस रिपोर्ट पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
अच्‍छे दिन :  देश में 15.2 फीसदी लोग आधा पेट खाकर गुजार रहे जीवन

अच्‍छे दिन : देश में 15.2 फीसदी लोग आधा पेट खाकर गुजार रहे जीवन

देश में भले ही जोर-शोर से कहा जा रहा हो कि हर तरफ विकास हो रहा है लेकिन विश्‍व मंंच में भारत की स्थिति कोई बेहतर नहीं कही जा सकती। वाशिंगटन ‌‌स्थित इंटरनेशनल फूड पालिसी रिसर्च इंस्टिच्यूट (आईएफपीआरआई) की एक रिपोर्ट में भारत भूखे देशों की सूची में शुुमार है।
ऑटोमेशन से भारत में 69 प्रतिशत रोजगार को खतरा : विश्वबैंक

ऑटोमेशन से भारत में 69 प्रतिशत रोजगार को खतरा : विश्वबैंक

स्वचालन :आॅटोमेशन: के बढ़ते उपयोग से बड़े पैमाने पर रोजगार जा सकते हैं। विश्वबैंक की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार इससे भारत में 69 प्रतिशत और चीन में 77 प्रतिशत रोजगार को खतरा है। इसमें कहा गया है कि विकासशील देशों में प्रौद्योगिकी परंपरागत आर्थिक रास्ते के प्रतिरूप को बुनियादी रूप से बाधित कर सकती हैं।
साल 2015-16 : जेएनयू में यौन उत्‍पीड़न के रिकार्ड 39 मामले

साल 2015-16 : जेएनयू में यौन उत्‍पीड़न के रिकार्ड 39 मामले

हाल के महीनों में विवादों के केंद्र में रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में साल 2015-2016 के दौरान यौन उत्पीड़न की 39 शिकायतें दर्ज की गई। जो कि विश्वविद्यालय के रिकार्ड में सबसे अधिक है। विश्वविद्यालय को 2014-2015 के दौरान यौन उत्पीड़न की 26 शिकायतें मिली थीं जबकि 2013-2014 के दौरान यह संख्या 25 थी।
एएमयू के स्वरूप को लेकर तकरार

एएमयू के स्वरूप को लेकर तकरार

केंद्र सरकार की ओर से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक स्वरूप को चुनौती प्रदान करने वाले हलफनामें के जबाव में विश्वविद्यालय ने अपनी राय स्पष्ट करते हुए इसे दलगत राजनीति से प्रेरित एक प्रयास बताया है। सरकार द्वारा अगले जबाव के लिए 3 सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगे जाने के बावजूद मसला शांत नहीं हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक स्वरूप के विरूद्ध की गई टिप्पणी के बाद से यह सदन के अंदर और बाहर का मसला बन चुका है।
तोगड़िया की राय, पीएम बनना है तो लालू प्रसाद यादव राम मंदिर आंदोलन से जुड़ें

तोगड़िया की राय, पीएम बनना है तो लालू प्रसाद यादव राम मंदिर आंदोलन से जुड़ें

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अगर देश का प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं तो उन्हें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के आंदोलन से जुड़ना चाहिए।
अर्थशास्‍त्री ज्‍यां द्रेज नाराज : कहा, देश के जीवन स्‍तर में नहीं हुआ सुधार

अर्थशास्‍त्री ज्‍यां द्रेज नाराज : कहा, देश के जीवन स्‍तर में नहीं हुआ सुधार

भारत की पिछले 12 साल की औसतन 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर आम आदमी के जीवन में महत्वपूर्ण सुधार लाने में नाकाम रही है। यह बात जाने-माने विकास अर्थशास्त्राी ज्यां द्रेज ने रविवार को कही।
सावधान : 57 % डॉक्‍टर बिना मेडिकल क्वालिफिकेशन के कर रहे आपका ईलाज

सावधान : 57 % डॉक्‍टर बिना मेडिकल क्वालिफिकेशन के कर रहे आपका ईलाज

विदेशों में शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य को जीवन का सबसे महत्‍वपूर्ण पहलू माना जाता है। लेकिन इससे उलट हमारे देश में इन दोनों क्षेत्रों पर घोर लापरवाही की जाती है। इसका एक सटीक उदाहरण विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की एक रिपोर्ट में आपको मिल सकता है।
दुनिया में एक साल में संक्रमण्‍ा ने 10 लाख नवजात शिशुओं को लील लिया

दुनिया में एक साल में संक्रमण्‍ा ने 10 लाख नवजात शिशुओं को लील लिया

दुनिया में भले ही हर तरफ विकास की बात कही जा रही है लेकिन नवजात बच्‍चों की दुर्दशा पर कुछ खास ध्‍यान नहीं दिया जा रहा है। या यूं कहें कि विश्‍व का मानव समाज इस मसले पर मौन होकर अपनी हार स्‍वीकार करता जा रहा है। मानव समुदाय एक तरह से नवजात श्‍िाशुओं की हिफाजत नहीं कर पा रहा है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की ताजा रिपेार्ट में कहा गया है कि दुनिया में विभिन्‍न तरह के संक्रमण की वजह से पैदा होने के साथ ही दस लाख बच्‍चों ने दम तोड़ दिया।
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