उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर चुनाव में टिकट देने के बदले पैसे मांगने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं और राज्य में कभी उनके खास सिपहसालार रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने यही आरोप लगाते हुए बसपा से इस्तीफा भी दे दिया था और भाजपा का दामन पकड़ लिया था। अब एक बार फिर मायावती पर ऐसा ही आरोप लगा है।
पुस्तक प्रेमियों की भीड़ भरी यादों के साथ प्रगति मैदान का नई दिल्ली पुस्तक मेला, ‘मिलेंगे फिर अगले साल जनवरी में’ संदेश के साथ संपन्न हुआ। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास फिलहाल इसी माह की 28 तारीख से शुरू होने वाले तीन दिवसीय ब्रह्मपुत्र साहित्य उत्सव, गुवाहाटी की तैयारी में लग गया है।
मायावती द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए भाजपा ने आज आरोप लगाया कि मायावती ने दलितों के नाम पर सिर्फ दौलत बटोरने का काम किया है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा उत्तर प्रदेश में निश्चित हार और भ्रष्टाचार से अर्जित कालेधन की कमाई रद्दी में बदलते हुए देखकर बसपा प्रमुख हताशा में इस तरह की बातें कर रही हैं।