भारत में अगले दो दशकों में ड्रग-रेसिस्टेंट ट्युबरक्युलोसिस (क्षय रोग) के मामलों में इजाफा होने का खतरा मंडरा रहा है। ये दरअसल टीबी का बिगड़ा रूप है जिसमें इस बीमारी के बैक्टीरिया पर दवाएं असर नहीं करतीं। प्रतिष्ठित चिकित्सा पत्रिका लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार देश में वर्ष 2040 तक इस बीमारी के 10 में से एक मामले ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के हो सकते हैं।
कुछ बैक्टीरिया ने एंटिबायोटिक्स से बचने के लिए अपने चारों तरफ जो कड़ा आवरण बना रखा था, वैज्ञानिकों ने उसे अब भेद दिया है। इस किलेबंदी ने उन्हें अजेय बना दिया था। सुपरबग के नाम से कुख्यात इन बैक्टिरया का संक्रमण मतलब मौत। बैक्टीरिया के सुपरबग बनने की घटना चिकित्सा जगत का एक बहुत बड़ा संकट बन कर सामने आय़ा है।
घरों के शौचालयों और रसोईघर से निकलने वाले जैविक अपशिष्टयुक्त घरेलू कचरे ऊर्जा का एक स्रोत सिद्ध हो सकते हैं और वैज्ञानिकों ने कहा है कि भूखे बैक्टीरिया का इस्तेमाल कर इससे ऊर्जा पैदा की जा सकती है।