26 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र में सरकार को उम्मीद है कि गुड एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लागू कराने में कांग्रेस के साथ-साथ अन्य दलों का भी सहयोग मिलेगा।
म्यांमार के चुनावों में भारी जीत की ओर बढ़ती दिखाई दे रही विपक्षी पार्टी ने सरकारी चुनावी पैनल पर जानबूझकर नतीजों में देरी करने का आरोप लगाया है। आंग सान सू की की पार्टी ने कहा है कि शायद चुनावी पैनल कुछ तरकीब लड़ाना चाहता है।
चीन के शीर्ष परिवार नियोजन प्राधिकार ने जोर दिया है कि उससे जुड़े स्थानीय संगठनों को फिलहाल तब तक एक बच्चे की नीति लागू रखनी होगी जब तक कि सभी दंपति के लिए दो बच्चों की नई नीति को कानूनी रूप नहीं मिल जाता है।
सोलहवीं निर्वासित तिब्बती संसद के प्रारंभिक चुनाव कल से शुरू होने हैं। अंतिम चुनाव अगले साल मार्च में होने तय हैं। तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रमुख निर्वाचन आयुक्त सोनम कोफेल शोसुर ने दुनियाभर में रहने वाले तिब्बती लोगों से अपील की है कि वे आगामी प्रारंभिक चुनावों में भागीदारी करके मतदान के अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करें।
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा है कि वह पिछले सप्ताह अफगानिस्तान के कुंदुज शहर के एक अस्पताल पर गलती से हुए अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को और घायल लोगों को मुआवजा देगा।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वभारती विश्वविद्यालय (शांति निकेतन) के कुलपति सुशांत दत्तगुप्ता को बर्खास्त करने की अनुशंसा की है। अगर उनकी बर्खास्तगी हुई तो इस तरह हटाए जाने वाले वे किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले कुलपति हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक वापस लेने का ऐलान किया है। मोदी सरकार ने संशोधित भूमि अधिग्रहण विधेयक के लिए चार बार अध्यादेश जारी किया, लेकिन इसे संसद में पास नहीं करा सकी। आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और अब यूपीए सरकार के समय बना भूमि अधिग्रहण कानून ही लागू होगा। पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों ने किसानों के मन में भय पैदा करने की कोशिश की लेकिन हम ऐसा नहीं चाहते थे।
संसद सत्र के दौरान सुबह ठीक साढे 10.30 बजे। कांग्रेस के युवा सांसदों की एक टीम पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलती है और यह तय किया जाता है कि आज सरकार का विरोध किस तरीके से करना है, कब तक करना है और किस हद तक जाना है। यह कोई एक दिन की रणनीति नहीं होती थी बल्कि हर दिन सत्र से पहले कांग्रेस के युवा सांसदों की टीम राहुल के इंतजार में रहती थी और इशारा मिलने पर पूरी मुस्तैदी के साथ सरकार के विरोध में उतर आती।