मनोज की कविताओं में समाज के विविध रंग दिखाई पड़ते हैं। परिवार के प्रति चिंता या अपनों की देखरेख की चिंता भी मनोज शब्दों में ऐसे बांधते हैं कि हर किसी को वह दुख साझा लगता है। सन 2008 के प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार के बाद भारतीय भाषा परिषद से तथापि जीवन नाम से काव्य संग्रह। कविताएं लिखने के अलावा अनुवाद के काम में संलग्न रहते हैं।
राजनीतिक-आर्थिक-सामाजिक सत्ता क्रम को नियंत्रित करने वाले वर्गों, समूहों, समुदायों और संस्थाओं के इस्तेमाल की भाषा में उनके वर्चस्ववादी पूर्वग्रहों के शब्द-संकेत देखे और व्याख्यायित किए जा सकते हैं। भारत की आजादी के 68 वर्ष बीतने पर हमारे राजनीतिक और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के चालू विमर्श में हम ऐसे दो चलताऊ जुमलों की निशानदेही करना चाहेंगे जिनके निहितार्थ हमारी स्वतंत्रता सीमित करने के संदर्भ में गंभीर हैं।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) अपनी वह विवादास्पद सूची वापस लेने का फैसला किया है जिनमें कथित आपत्तिजन शब्द शामिल किए गए थे और इन शब्दों का इस्तेमाल फिल्मों में करने की मनाही की गई थी।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर शब-ए-बारात की शुभकामनाएं दी। बातचीत में मोदी ने कहा कि रोजगार और विकास सभी समस्याओं का समाधान है और देश के विकास पर ही अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
वरिष्ठ कथाकार मैत्रेयी पुष्पा हिंदी अकादमी की नई उपाध्यक्ष बन गई हैं। हिंदी अकादमी हिंदी भाषा और साहित्य के प्रचार–प्रसार और उसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनी दिल्ली सरकार की भाषा अकादमी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 मई से 16 मई की अपनी आगामी चीन यात्रा की आधिकारिक घोषणा मंगलवार को माइक्रोब्लॉग साइट वेइबो पर की है। मोदी ने लिख है कि वह चीनी नेतृत्व के साथ सार्थक चर्चा के लिए उत्साहित हैं।
भारत के सरकारी स्कूलों में जर्मन भाषा की जगह संस्कृत को लाए जाने पर उठे विवाद की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार रात कहा कि भारत की धर्मनिरपेक्षता इतनी कमजोर नहीं है कि यह एक भाषा की वजह से हिल जाएगी।
हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शायर और फिल्म लेखक जावेद अख्तर ने श्रोताओं से रूबरू होते हुए कई राज जाहिर किए। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1976 तक उन्होंने शायरी शुरू नहीं की थी। उस वक्त वह 31 वर्ष के थे, जबकि इस उम्र में लोग शायरी कर चुके होते हैं। 12 वर्ष की उम्र तक उन्हें सैकड़ों और 15 वर्ष की उम्र तक उन्हें लाख से ज्यादा शेयर याद थे। वह अपने को खुशकिस्मत मानते हैं क्योंकि लखनऊ में अपने ननिहाल में उन्हें अपने मामा मजाज साहब समेत उस दौर के तमाम नामी शायरों का साथ मिला, जिनके साथ वह बच्चों की तरह रहे।
भारत में भारत की बेटियों (इंडियाज डॉटर्स) पर बनी फिल्म देखना चाहे तो नहीं देख सकते, इस पर प्रतिबंध है। महाराष्ट्र में कोई गौ-मांस से बनी कोई डिश खाना चाहे, वह नहीं खा सकता, उसे बेचना चाहे नहीं बेच सकता-इस पर प्रतिबंध है। केरल या गुजरात में शराब का सेवन करना चाहे नहीं कर सकते, इस पर प्रतिबंध है।