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Search Result : "अरूण जेटली"

अपरिपक्व राजनीति न दिखाए 'आप': जेटली

अपरिपक्व राजनीति न दिखाए 'आप': जेटली

आम आदमी पार्टी में अंतरिक कलह तेज होने के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि पार्टी को दिल्ली के लोगों से किये गए वादों को पूरा करना चाहिए और अपरिपक्व राजनीति करके मौके को नहीं गंवाना चाहिए।
सेबी ने नगर पालिका बांड, आइफएससी नियमों को मंजूरी दी

सेबी ने नगर पालिका बांड, आइफएससी नियमों को मंजूरी दी

भारतीय पूंजी बाजार को और व्यापक बनाने तथा कंपनियों और बुनियादी परियोजनाओं के लिए पूंजी जुटाने के काम में आसानी के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रविवार को कई फैसले किए। इनमें नगर पालिका बांडों की सूचीबद्धता और देश में सिंगापुर और दुबई की तर्ज पर वित्तीय सेवा केंद्रों की स्थापना के नियम शामिल हैं।
सुषमा, जेटली नहीं, वीके सिंह तो जाएंगे रात्रिभोज में

सुषमा, जेटली नहीं, वीके सिंह तो जाएंगे रात्रिभोज में

पाकिस्तान उच्चायोग अब्दुल बासित द्वारा आयोजित रात्रिभोज में कश्मीर के अलगाववादी ‌नेताओं को न्योता देने से खफा केंद्र सरकार के सभी मंत्रियों ने इस न्योते का बहिष्कार किया है। लेकिन विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इसमें विदेश राज्यमंत्री जनरल वी. के. सिंह शामिल हो सकते हैं।
बेमौसम बारिश पर राज्यसभा में चिंता

बेमौसम बारिश पर राज्यसभा में चिंता

देश के विभिन्न भागों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं, तिलहन एवं बागवानी फसलों को हुई भारी क्षति पर गुरूवार को विभिन्न दलों के नेताओं ने गहरी चिंता जताते हुए प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा एवं फौरी राहत दिलाने के लिए विभिन्न सुझाव दिए।
भूमि अधिग्रहण पर जेटली की स्वीकारोक्ति

भूमि अधिग्रहण पर जेटली की स्वीकारोक्ति

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मान लिया है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भूम‌ि अधिग्रहण कानून लाए जाने के कारण उनकी पार्टी इसका विरोध नहीं कर पाई थी।
जेटली का बजट विश्व बैंक से प्रेरित?

जेटली का बजट विश्व बैंक से प्रेरित?

वित्त मंत्री अरुण जेटली लगातार दो बजट पेश कर चुके हैं और दोनों ही बजट में खास बात रही है उनका सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई औद्योगिक इकाईयों के लिए खुलकर फंड की व्यवस्‍था करना।
आम आदमी से दूरी, विकास है जरूरी

आम आदमी से दूरी, विकास है जरूरी

खाद्य मूल्य में गिरावट जैसे बाहरी कारकों के अलावा कृषि क्षेत्र की कुछ समस्याएं इस साल के कमजोर मॉनसून से भी बढ़ी हैं। यह भी एक तत्व है कि पूर्ववर्ती सरकार की गलत नीतियों के कारण कृषि क्षेत्र की दुर्दशा हुई है। सन 2014 में पोषक तथ्व आधारित सद्ब्रिसडी (एनबीएस) शुरू होने से न सिर्फ उर्वरक मूल्य में वृद्धि हुई बल्कि मिश्रित उर्वरक के इस्तेमाल में असंतुलन भी पैदा हुआ। नतीजतन कृषि में मुनाफा कम हो गया और ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदतर हो गई।
बजट: आयकर स्लैब में बदलाव नहीं

बजट: आयकर स्लैब में बदलाव नहीं

संसद में आज पेश 2015-16 के आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। कंपनी कर में भी अगले वित्त वर्ष के लिये कर-दर में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं है, लेकिन एक करोड़ रपये से अधिक की सालाना कमाई पर अधिभार दो प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।
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