बिहार सरकार ने एक अहम फैसले में राज्य में आज से पूर्ण शराबबंदी लागू कर दिया है। इसके तहत अब राज्य में देशी शराब के साथ विदेशी शराब पर भी प्रतिबंध लग गया है।
आलोचकों के कोपभाजन बने वकार युनूस ने आज भारी मन से पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उनकी सिफारिशों पर ध्यान नहीं दिया जिससे टीम आगे नहीं बढ सकी।
एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के सर्वेक्षण के अनुसार पाकिस्तान की आम जनता तालिबान और दूसरे अन्य आतंकवादी संगठनों के बड़े विरोधी हैं। सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि वहां की आम अवाम चरमपंथ से सरकार के संघर्ष की हिमायत करती है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र से उस समिति की रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जिसका गठन मुस्लिमों सहित विभिन्न धार्मिक अल्पसंख्यकों के विवाह, तलाक और संरक्षण से संबंधित पर्सनल लॉ के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए किया गया था।
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) में सामाजिक न्याय संयुक्त कार्य समिति (जेएसी) के ताजा बहिष्कार के बीच आज से कक्षाएं शुरू हो गईं। जेएसी दलित शोध छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के मुद्दे पर आंदोलन का नेतृत्व कर रही है।
अगर आईआईटी की एक समिति की सिफारिश को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मंजूर कर लिया तो देश में आईआईटी की वार्षिक फीस 90 हजार रुपये से बढ़कर 3 लाख रुपये हो जाएगी।
यह एक कड़वी सच्चाई है मगर देश के करीब 80 फीसदी डॉक्टर धड़ल्ले से मरीजों को वे दवाएं दे रहे हैं जिन्हें हाल ही में केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित सूची में शामिल किया है।
सांसदों का ‘रिश्वत कांड’ एक बार फिर गूंज उठा। ममता बनर्जी देश की उन नेताओं में से हैं, जिन पर व्यक्तिगत भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लग सकते। जार्ज फर्नांडिस पर ‘तहलका स्टिंग आपरेशन’ के कारण आरोप लगा, लेकिन जार्ज को भ्रष्ट और बेईमान नहीं माना गया।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की एक उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रविरोधी नारेबाजी वाले पिछले महीने के एक विवादित कार्यक्रम में कथित भूमिका को लेकर कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और दो अन्य छात्रों को निकालने की सिफारिश की है।
माकपा की अगुवाई में आज विपक्ष ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या और जेएनयू से जुड़ी घटना को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला और घटनाओं की जांच के लिए एक संसदीय समिति गठित करने की मांग की। वहीं सत्ता पक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय को देशविरोधी गतिविधियों का केंद्र नहीं बनने देना चाहिए।