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सरकार संसद में किसी भी विषय पर चर्चा को तैयार : सरकार

सरकार संसद में किसी भी विषय पर चर्चा को तैयार : सरकार

जेएनयू घटनाक्रम एवं कुछ अन्य मुद्दों पर विपक्ष के आरोपों के बीच सरकार ने आज जोर दिया कि वह सदन में किसी भी मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार है और सदन में उठाये गए हर विषय पर उचित प्रतिक्रिया देगी।
लोकसभा में चुनाव कानून संशोधन विधेयक 2016 पेश

लोकसभा में चुनाव कानून संशोधन विधेयक 2016 पेश

भारत और बांग्लादेश के बीच क्षेत्रों की अदला बदली के बाद पश्चिम बंगाल में संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन की पहल और इस क्रम में देश के नागरिक बने लोगों को मतदान का अधिकार प्रदान करने वाला एक विधेयक लोकसभा में पेश किया गया। इसके तहत दो चुनाव कानूनों में संशोधन किए जाएंगे।
वेमुला, जेएनयू मुद्दों पर सत्ता और विपक्ष की बीच नोकझोंक

वेमुला, जेएनयू मुद्दों पर सत्ता और विपक्ष की बीच नोकझोंक

बजट सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। विपक्ष ने जहां शैक्षणिक संस्थाओं को बर्बाद करने और दलितों के वाजिब हक मारने का आरोप लगाया वहीं सत्ता पक्ष में जेएनयू मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। इस बीच बसपा प्रमुख मायावती और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के बीच तीखी बहस भी हुई।
सत्ता इंदिरा की भी गई थी पर बेटे ने नही किया था देशविरोधी नारों का समर्थन: ईरानी

सत्ता इंदिरा की भी गई थी पर बेटे ने नही किया था देशविरोधी नारों का समर्थन: ईरानी

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को संसद में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला। ईरानी ने जेएनयू विवाद औऱ रोहित वेमुला के आत्महत्या मामले को लेकर कहा कि सत्ता तो इंदिरा गांधी ने भी खोई थी लेकिन उनके बेटे ने भारत की बर्बादी के नारों का समर्थन नहीं किया था।
अमेरिकी विश्वविद्यालय ने हिन्दू अध्ययन केन्द्र के लिए मिली अनुदान राशि लौटाई

अमेरिकी विश्वविद्यालय ने हिन्दू अध्ययन केन्द्र के लिए मिली अनुदान राशि लौटाई

अमेरिका के एक शीर्ष विश्वविद्यालय ने संकाय सदस्यों और छात्रों द्वारा अनुदानकर्ताओं पर चरमपंथी विचारधारा का होने और दक्षिण चरमपंथी विचारधारा से प्रेरित होने का आरोप लगाए जाने के बाद हिन्दू और भारत अध्ययन केन्द्र बनाने के लिए मिली 30 लाख डॉलर की अनुदान राशि वापस कर दी है।
चर्चाः वायदों और दावों का क्या | आलोक मेहता

चर्चाः वायदों और दावों का क्या | आलोक मेहता

‘कसमें, वादे, प्यार, वफा-सब बातें हैं बातों का क्या?’ यह फिल्मी गाना पुराना हो गया। लेकिन इन दिनों जिस इलाके में जाएं, लोग सरकारों के वायदों और दावों के साथ इसी तरह के सवाल उठा रहे हैं। संसद के बजट-सत्र के उद्घाटन अवसर पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भारत सरकार की ‘सफलताओं का लेखा-जोखा’ आधारित भाषण पढ़ दिया।
सरकार जेएनयू विवाद पर संसद में चर्चा को तैयार

सरकार जेएनयू विवाद पर संसद में चर्चा को तैयार

संसद के बजट सत्र में सरकार जेएनयू मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हो गई। सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने बताया कि जेएनयू मसले पर विभिन्न दलों की राय भिन्न है। ऐसे में सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार है।
मंगलवार से शुरु हो रहा बजट सत्र हो सकता है हंगामेदार

मंगलवार से शुरु हो रहा बजट सत्र हो सकता है हंगामेदार

संसद के कल से शुरू हो रहे बजट सत्र के काफी हंगामेदार रहने के संकेत हैं। सत्र शुरू होने से पहले आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने सरकार पर व्यवधान का एजेंडा तय करने का आरोप लगाया जबकि सरकार ने कहा कि वह जेएनयू समेत सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने को तैयार है। हालांकि बैठक के बाद उसे सकारात्मक बताते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सभी दल इस पक्ष में थे कि संसद में कामकाज होना चाहिए।
चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

लोकतंत्र में असहमति् और प्रतिपक्ष अपरिहार्य है। भारी बहुमत के बावजूद सत्तारूढ़ पक्ष को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मंत्री या अधिकारी निरंकुश न हो जाएं। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के बजट सत्र से पहले प्रतिपक्ष के नेताओं के साथ्‍ा बैठक की सही पहल की है।
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