यूजीसी ने 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को भेजे नोटिस में साफ लिखा है कि ओबीसी आरक्षण अस्सिटेंट प्रोफेसर के अलावा एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदों में नहीं दिया जाएगा
करीब तीन महीने पहले जाटों के हिंसक आंदोलन में 30 लोगों की मौत के बाद रविवार को जाट नेताओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच एक बार फिर से हरियाणा में अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया। फिलहाल यह प्रदर्शन छोटी-छोटी बैठकों तक सीमित है।
हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर गठित की गई कमेटी के अध्यक्ष बीएसएफ के पूर्व डायरेक्टर जनरल प्रकाश सिंह ने अपनी रिपोर्ट में दंगा रोकने में नाकाम राज्य प्रशासन के करीब 80 अधिकारियों का नाम शामिल किया है। इनमें पांच आईएएस तथा पांच आईपीएस अधिकारी भी हैं। सेना की मौजूदगी को गंभीरता से लेते हुए कमेटी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ एक छोटे युद़ध में जितनी सेना लगार्इ्र जा सकती है, उतने जवान हरियाणा में उतार दिए गए थे।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एबीजेएएसएस) ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए पांच जून से हरियाणा में फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए हरियाणा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राज्य के 8 जिलों में धारा 144 लगाई गई है। आंदोलन को रोकने के लिए खट्टर सरकार हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करेगी।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा की भाजपा सरकार को झटका देते हुए हाल ही में सरकार द्वारा जाटों और पांच अन्य समुदायों को दिए गए आरक्षण पर रोक लगा दी। हरियाणा सरकार ने इन समुदायों को यह आरक्षण लंबे और हिंसक जाट आंदोलन के बाद दिया था।
बांग्लादेश पुलिस ने देश की पहली समलैंगिक पत्रिका के संपादक और उनके मित्र की हत्या के मामले में एक संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी की घोषणा की है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर की गई है, जब मुस्लिम बहुल इस देश में एक के बाद एक बुद्धिजीवियों, लेखकों और अल्पसंख्यकों की हत्याएं हुई हैं।
बांग्लादेश के दक्षिण पश्चिम में स्थित एक बौद्ध मठ में रहने वाले एक 70 वर्षीय उम्रदराज बौद्ध भिक्षु की कुछ अज्ञात लोगों ने मठ के भीतर हत्या कर दी। सिर्फ एक ही हफ्ते पहले इसी तरह के एक हमले में एक मुस्लिम सूफी प्रचारक की हत्या कर दी गई थी।
पटेल समुदाय के लिए ओबीसी कोटे में आरक्षण की मांग करने वाले हार्दिक पटेल की अगुवाई वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) नाम के संगठन को आज मेहसाणा जिले के कनसा में पटेल समुदाय की महापंचायत इसलिए रद्द करनी पड़ी क्योंकि इसमें शिरकत के लिए कोई नहीं आया।