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Search Result : "आईआईटी-बांबे"

कश्मीर के विकास में सेना की महत्वपूर्ण भूमिका

कश्मीर के विकास में सेना की महत्वपूर्ण भूमिका

जम्मू कश्मीर में बुनियादी ढांचा विकसित करने में सेना का महत्वपूर्ण योगदान है। सेना लगातार राज्य को प्रगति और समृद्धि की ओर ले जाने के लिए प्रयत्नशील है। उग्रवाद से प्रभावित लोगों की स्थिति सुधारने के लिए चलाए गए आपरेशन सद्भावना के तहत सेना, लोगों को आत्मनिर्भर बनने और जिंदगी को नए सिरे से जीने के आत्मविश्वास से लबरेज़ बनने में मदद दे रही है।
आईआईटी फीस दोगुनी : अनुसूचित जाति और जनजाति की फीस माफ

आईआईटी फीस दोगुनी : अनुसूचित जाति और जनजाति की फीस माफ

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के स्नातक पाठ्यक्रमों की वार्षिक फीस आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए वर्तमान 90 हजार रूपये बढ़ाकर दो लाख रूपये होगी लेकिन अनुसूचित जाति, जनजाति, भिन्न रूप से अक्षम और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों की फीस माफ कर दी गई है।
...तो तीन गुना होगी आईआईटी की फीस

...तो तीन गुना होगी आईआईटी की फीस

अगर आईआईटी की एक समिति की सिफारिश को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मंजूर कर लिया तो देश में आईआईटी की वार्षिक फीस 90 हजार रुपये से बढ़कर 3 लाख रुपये हो जाएगी।
जेएनयू प्रकरण पर दो फाड़ हुए आईआईटी बॉम्बे के शिक्षक

जेएनयू प्रकरण पर दो फाड़ हुए आईआईटी बॉम्बे के शिक्षक

आईआईटी बॉम्बे के शिक्षकों के एक समूह ने कहा है कि उच्च शिक्षा के कुछ संस्थान ऐसी गतिविधियों की शरणस्थलियां बन गए हैं, जो राष्ट्रहित में नहीं हैं। शिक्षकों के इस समूह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अपील की है कि वे छात्रों को परिसरों में विचारधाराओं के युद्ध का पीड़ित न बनने का संदेश दें।
आईआईटी शिक्षकों की अपील, राष्ट्रवाद की परिभाषा न थोपे सरकार

आईआईटी शिक्षकों की अपील, राष्ट्रवाद की परिभाषा न थोपे सरकार

विभिन्न शिक्षण संस्थानों में सरकार की जरूरत से ज्यादा पहुंच और विरोध एवं मतभेदों को दबाने की कथित कोशिशों की निंदा करते हुए आईआईटी बाॅम्बे के शिक्षकों ने आंदोलनरत जेएनयू छात्रों का समर्थन करते हुए कहा है कि सरकार को लोगों पर राष्ट्रवाद की परिभाषा नहीं थोपनी चाहिए।
आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। बिहार के मूल निवासी पीयूष कुमार गुजरात के अहमदाबाद में बैंक अधिकारी हैं। परिवार में पत्नी के अलावा सिर्फ एक बेटा है जो दसवीं की परीक्षा पास कर चुका है। मगर बेटा और पत्नी उनके साथ नहीं रहते। दोनों राजस्थान के कोटा में हैं जहां बेटा आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए एक नामी कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रहा है। एक और उदाहरण देखें:ओडिशा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी श्वेता कुमारी इंजीनियरिंग क्षेत्र में मंदी के कारण बैंक की नौकरी की तैयारी कर रही हैं। सिलीगुड़ी के अपने घर में रहकर उसने परीक्षा दी मगर लिखित परीक्षा की बाधा पार नहीं हो पाई। उसने दिल्ली का रुख किया और यहां एक कोचिंग से बैंकिंग की तैयारी के बाद पहली बार में ही रिजर्व बैंक और बैंक पीओ की लिखित परीक्षा पास कर ली। ये दो उदाहरण देश में कोचिंग के पूर्ण विकसित हो चुके धंधे की कहानी बयां करते हैं। जरा 15 साल पहले का जमाना याद करें जब कोचिंग का मतलब आपके घर में ही आस-पड़ोस के किसी बेरोजगार युवक द्वारा आपके बच्चों को पढ़ाई में थोड़ी-बहुत मदद कर देना होता था। अब अगर बच्चे को डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर, प्रशासनिक अधिकारी या किसी सरकारी दफ्तर में क्लर्क ही बनना हो तो औपचारिक शिक्षा की डिग्री के साथ-साथ किसी कोचिंग संस्था का मार्गदर्शन होना अनिवार्य है अन्यथा गला काट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उसका पिछड़ना तय है। सीधे शद्ब्रदों में कहें तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। साल 2013 में हुए एक आकलन के मुताबिक भारत में कोचिंग इंडस्ट्री लगभग 23.7 अरब डॉलर (160.16 अरब रुपये) की थी, जिसके साल 2015 में 40 अरब डॉलर (270 अरब रुपये) के होने की भविष्यवाणी की गई थी और अगले पांच वर्षों में यह 500 अरब रुपये तक पहुंच सकती है।
इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जगदीश कुमार होंगे जेएनयू के नए कुलपति

इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जगदीश कुमार होंगे जेएनयू के नए कुलपति

आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नए कुलपति होंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के भेजे चार नामों में से जगदीश कुमार के नाम को मंजूरी दी है। भाजपा नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी को जेएनयू का वीसी बनाए जाने की अटकलों के बाद यह नियुक्ति चर्चाओं में आ गई थी।
सुपर-30 की सफलता पर जल्द ही आएगी किताब

सुपर-30 की सफलता पर जल्द ही आएगी किताब

समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 30 विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में प्रतिवर्ष भेजने वाले सुपर-30 की सफलता की कहानी जल्द ही एक किताब के रूप में प्रकाशित होकर लोगों के सामने आएगी। भारतीय मूल के डॉक्टर और मनोचिकित्सक डॉ. बीजू मेथ्यू सुपर-30 की सफलता पर करीब 250 पन्नों और छह से सात अध्याय वाली एक किताब लिख रहे हैं, जो कि लगभग दो से तीन माह में बिक्री के लिए बाजार में आ जाएगी। इसे पेन्गुइन बुक्स और रेंडम हाउस द्वारा प्रकाशित किया जाएगा।
असहिष्णुता पर बोले रघुराम राजन, परस्पर सम्मान जरूरी

असहिष्णुता पर बोले रघुराम राजन, परस्पर सम्मान जरूरी

देश में बढ़ती असहिष्णुता पर चल रही बहस को आगे बढ़ाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि विचारों के लिए माहौल बेहतर बनाने के वास्ते सहिष्णुता तथा परस्पर सम्मान जरूरी है और किसी समूह विशेष को शारीरिक क्षति पहुंचाने या अपमानजनक शब्द कहने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
जुकरबर्ग के इन जवाबों में मिली फेसबुक के भविष्‍य की झलक

जुकरबर्ग के इन जवाबों में मिली फेसबुक के भविष्‍य की झलक

दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के संस्‍थापक मार्क जुकरबर्ग आज आईआईटी-दिल्‍ली के छात्रों से रूबरू हुए। इस दौरान आयोजित एक गोष्‍ठी में उन्‍होंने देश भर से पूछे गए सवालों के जवाब दिए। जुकरबर्ग की इन बातों में इंटरनेट और सोशल मीडिया को लेकर फेसबुक की भावी रणनीति की झलक देखी जा सकती है। जानिए, इस बार भारत को क्‍या बताकर गए जुकरबर्ग
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