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Search Result : "आईटी सेवा"

कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने अपने ब्लॉग में देश की आर्थिक तरक्की का जिक्र किया है और इसमें कृषि को छोड़ अन्य दूसरे क्षेत्रों का योगदान बताया है। लेकिन उन्होंने यह जिक्र करना शायद उचित नहीं समझा कि पिछले जिस दशक के दौरान अर्थव्यवस्‍था में सबसे तेज विकास हुआ, उसी अवधि में रोजगार की विकास दर सबसे धीमी क्यों रही?
क्यों लुढ़कता जा रहा है बाजार

क्यों लुढ़कता जा रहा है बाजार

सिर्फ यह कहना गलत होगा कि मोदी सरकार के एक साल में उम्मीद से कम काम करने के कारण ही शेयर बाजार लुढ़कता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 11 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और निवेशकों को भारतीय बाजार के मुकाबले चीनी बाजार ज्यादा आकर्षक लग रहा है।
वस्तु एवं सेवाकर विधेयक लोकसभा में पारित

वस्तु एवं सेवाकर विधेयक लोकसभा में पारित

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू करने के प्रावधान वाला संविधान (122वां संशोधन) विधेयक-2014 बुधवार को लोकसभा में पारित हो गया। हालांकि राज्यसभा में इसके भविष्य को लेकर अभी अनिश्चितता बरकरार है। इस विधेयक को मंगलवार को चर्चा के लिए लोकसभा में लिया गया था और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सभी दलों से दलगत भावना से ऊपर उठकर इसका समर्थन करने की अपील की थी।
कोई नहीं हटा सकता समाजवादी शब्द को : अखिलेश यादव

कोई नहीं हटा सकता समाजवादी शब्द को : अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि समाजवादी शब्द संविधान की प्रस्तावना में शामिल है और इसीलिए उनकी सरकार की कई योजनाओं का नाम इसी लफ्ज पर रखा गया है।
विप्रो में कर्मचारियों की छंटनी

विप्रो में कर्मचारियों की छंटनी

भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी विप्रो को अगले तीन साल में अपने कर्मचारियों की संख्या करीब 47,000 कम होने की उम्मीद है।
व्यवस्था की विकलांगता ही चुनौतीः केदार

व्यवस्था की विकलांगता ही चुनौतीः केदार

जब वह मेरे दफ्तर मिलने के लिए आए तो अचानक ही लगा कि मेरा दफ्तर भी विकलांग व्यक्ति के लिए कितना असुविधाजनक है। वह हथेलियों में हवाई चप्पल पहने हुए पूरी सहजता और जबर्दस्त आत्मविश्वास के साथ दफ्तर में आ चुके थे। तकरीबन लपकते हुए वह कुर्सी की ओर बढ़े।
पैसे ही नहीं, भरोसा भी लूटा था राजू ने

पैसे ही नहीं, भरोसा भी लूटा था राजू ने

सत्यम कंप्यूटर्स के प्रमोटर बी. रामलिंगा राजू को 7 साल की सजा भले ही सुना दी गई हो मगर उन 6 करोड़ निवेशकों को यह सजा अगर कम लग रही है तो उसकी जायज वजहें हैं। राजू ने इन निवेशकों का सिर्फ भरोसा ही नहीं तोड़ा बल्कि उनकी खून-पसीने की कमाई भी लूट ली।