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Search Result : "आईडब्लयूएम बज डिजिटल अवार्ड"

दिबाकर बनर्जी, पटवर्धन समेत 10 फिल्‍मकारों ने अवार्ड लौटाए

दिबाकर बनर्जी, पटवर्धन समेत 10 फिल्‍मकारों ने अवार्ड लौटाए

साहित्‍यकारों के बाद अब फिल्‍मकारों ने भी पुरस्‍कार लौटाने शुरू कर दिए हैं। देश में बढ़ती असहिष्णुता और एफटीआईआई के मुद्दे पर दिबाकर बनर्जी और आनंद पटवर्धन समेत 10 फिल्‍मकारों ने अपना राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार लौटा दिया है।
अंकित फाडिया सहित 'डिजिटल इंडिया' के 4 ब्रांड एंबेसेडर

अंकित फाडिया सहित 'डिजिटल इंडिया' के 4 ब्रांड एंबेसेडर

डिजिटल इंडिया के ब्रांड एंबेसेडर को लेकर जारी अटकलों पर विराम लग गया है। केंद्र सरकार ने एक विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि नैतिक हैकर अंकित फाडिया सहित 4 लोगों को इस अभियान का ब्रांड एंबेसेडर बनाया गया है।
मैगसायसाय का पैसा संजीव चतुर्वेदी ने एम्‍स को दान किया

मैगसायसाय का पैसा संजीव चतुर्वेदी ने एम्‍स को दान किया

सरकारी सिस्‍टम में रहते हुए भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ने वाले भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने मैग्सेस अवार्ड में मिली पूरी धनराशि एम्‍स के जरूरतमंद मरीजों को दान करने का फैसला किया है।
चाय बेचते-बेचते हिंदी सीखी, इसकी ताकत जानता हूं: मोदी

चाय बेचते-बेचते हिंदी सीखी, इसकी ताकत जानता हूं: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भाषा की भक्ति बहिष्कृत करने वाली नहीं होनी चाहिए बल्कि यह सम्मिलित करने वाली होनी चाहिए। हिंदी उनकी मातृभाषा नहीं है लेकिन उन्‍हें हिंदी की ताकत का अहसास है। हिंदी के बिना आज वह यहां तक नहीं पहुंचते।
पेंशनभोगियों को घर बैठे मिलेगा डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट

पेंशनभोगियों को घर बैठे मिलेगा डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट

देश के लाखों पेंशनभोगियों को अपने जीवित रहने का प्रमाण देने के लिए कहीं और नहीं भटकना पड़ेगा। केंद्र सरकार जल्द एक नया पोर्टल शुरू करने जा रही है जहां उन्हें डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

साधरण कद-काठी, साधारण चेहरा-मोहरा। सांवली रंगत लेकिन जन्मजात सहज अभिनय करने की कुशलता। यह हैं, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे बुढाना में जन्में और पले-बढ़े नवाजुद्दीन सिद्दीकी। नवाजुद्दीन किसी बड़े फिल्मी परिवार से नहीं हैं, न ही उनका बॉलीवुड में कोई गॉडफादर रहा। अपने दम पर नाम और शोहरत कमाने वाले नवाजुद्दीन के लिए यह सब बहुत आसान नहीं था। मुजफ्फरनगर में रहते हुए जहां उनके पास मनोरंजन के लिए टीवी नहीं था, उन्होंने लोक कलाकारों के बीच तमाशा, रामलीला देखते हुए अपना बचपन बिताया। नवाजुद्दीन उन्हीं कलाकारों की तरह होना चाहते थे। वैसे ही बनना चाहते थे। पर कैसे यह उन्हें उस वक्त पता नहीं था। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से स्नातक के बाद उन्होंने कई तरह की नौकरियां कीं। यहां तक की चौकीदार की भी। फिर भी अभिनय की भूख थी कि खत्म नहीं हुई थी। विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें और मजबूत कर दिया। इसी बीच उन्हें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के बारे में पता चला और बस अभिनय के गुर सीखने वह यहां चले आए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में रहते हुए उन्होंने कई नाटकों को करीब से जाना। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से कोर्स पूरा करने के बाद दिल्ली में ही उन्होंने कई नाटक किए और फिर वहीं चले आए, जो अभिनय की दुनिया में स्थापित होने के लिए मक्का है, मुंबई। एक लंबे संघर्ष के बाद खुरदुरे चेहरे वाला यह अभिनेता निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद बनता जा रहा है। ब्लैक फ्राइडे, गैंग्स ऑफ वासेपुर, तलाश, बदलापुर, बजरंगी भाईजान के बाद अब सभी की निगाहें उनकी आने वाली फिल्म मांझी- द माउंटेनमैन पर टिकी हुई हैं।
सरकारी प्रोजेक्‍ट में इन्‍फोसिस को सिर्फ घाटा: नारायण मूर्ति

सरकारी प्रोजेक्‍ट में इन्‍फोसिस को सिर्फ घाटा: नारायण मूर्ति

डिजिटल इंडिया अभियान के लिए निजी क्षेत्र को लुभाने में जुटी मोदी सरकार को इन्‍फोसिस के सह संस्‍थापक एन. आर. नारायण मूर्ति ने आईना दिखाया है। उन्‍होंने कहा कि एक भी सरकारी योजना ऐसी नहीं, जहां कंपनी को घाटा न हुआ हो।
धर्मान्धता के इस दौर में विनोद मेहता की कमी खलेगीः सोनिया गांधी

धर्मान्धता के इस दौर में विनोद मेहता की कमी खलेगीः सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आउटलुक समूह के दिवंगत संस्थापक संपादक विनोद मेहता को जी.के.रेड्डी मेमोरिअल अवार्ड दिया, जिसे विनोद मेहता की पत्नी सुमिता मेहता ने स्वीकार किया। दिल्ली के जवाहर भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल हुए।
आपके मोबाइल फोन पर अब अनारक्षित ट्रेन टिकट

आपके मोबाइल फोन पर अब अनारक्षित ट्रेन टिकट

'डिजिटल इंडिया' विज़न से तालमेल बैठाते हुए क्रिस ने एंड्रॉयड एवं विंडोज़ दोनों ही प्लेटफॉर्म के लिए मोबाइल एप्लिकेशन 'अटसनमोबाइल' में कागज रहित अनारक्षित टिकट की सुविधा विकसित की है। इससे स्टेशनों पर स्थित एटीवीएम पर अनारक्षित टिकटों का प्रिंट निकालने की कोई जरूरत नहीं रह जाएगी। यूजर्स इसके लिए गूगल प्ले स्टोर या विंडो स्टोर से ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं।
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