जवाब में बर्खास्त आईपीएस अफसर संजीव भट्ट की कविता
वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली गुजरात सरकार पर सवाल उठाने वाले आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजीव भट्ट ने कहा कि वह 24 साल की उम्र में एक जुनून के साथ आईपीएस में आए थे और यह आग आज भी उनके अंदर जल रही है। उनका कहना है कि सरकार ने ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने के मनगढ़ंत आरोपों पर एकतरफा जांच कर उन्हें सेवा से हटाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ संजीव भट्ट ने एक कविता के जरिये अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस अंग्रेजी कविता का अनुवाद इस प्रकार है: