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एस्सार टेप कांड से निकला सच, सब बिकाऊ है

एस्सार टेप कांड से निकला सच, सब बिकाऊ है

एस्सार टेप कांड में भले ही अब खबरें आ रही हों कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मामले की जांच करवाने जा रहे हैं मगर इस मामले में आउटलुक (अंग्रेजी) द्वारा किए गए खुलासे बताते हैं कि पीएमओ को पहले से इसकी जानकारी होने के बावजूद इसपर अबतक कार्रवाई नहीं की गई।
राम बहादुर राय के इंटरव्यू पर आउटलुक का यह कहना है

राम बहादुर राय के इंटरव्यू पर आउटलुक का यह कहना है

आउटलुक हिंदी ने अपनी वेबसाइट पर तीन जून को वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स के अध्यक्ष राम बहादुर राय के इंटरव्यू के आधार पर खबर प्रकाशित की थी। आउटलुक की प्रज्ञा सिंह ने उनसे लंबी बातचीत की थी, जो आउटलुक पत्रिका (अंग्रेजी) के 13 जून, 2016 के अंक में प्रकाशित हुई।
संविधान को बदल डालने की जरूरत - राम बहादुर राय

संविधान को बदल डालने की जरूरत - राम बहादुर राय

वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने एक नए संविधान की जरूरत बताई है। आउटलुक की प्रज्ञा सिंह से बातचीत में उन्होंने कहा कि संविधान पर नए सिरे से विचार किए जाने की जरूरत है।
'मोदी की सफलता मतलब भारत की सफलता’

'मोदी की सफलता मतलब भारत की सफलता’

सिंहस्थ की कामयाबी से गदगद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वहां ड्यूटी करने वाले सरकारी मुलाजिमों को इनाम और मैडल से नवाज रहे हैं। मोदी के पदचिन्हों पर चलते हुए शिवराज अगले छह महीनों में दो बड़े आयोजनों की तैयारी में जुट गए हैं। इंदौर में अक्टूबर में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट और दूसरा, नवंबर से नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से नर्मदा बचाने के लिए पदयात्रा। अपनी उज्जैन यात्रा के दौरान आउटलुक के साथ बातचीत में शिवराज ने बेबाकी से जवाब दिए। पेश है राजेश सिरोठिया से उनकी बातचीत के संपादित अंश:
‘पंजाबी नहीं था इसलिए जेटली ने दिल्ली से नहीं लड़ने दिया’

‘पंजाबी नहीं था इसलिए जेटली ने दिल्ली से नहीं लड़ने दिया’

मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा में नामित किए गए सुब्रह्मण्यम स्वामी लंबे समय से गांधी परिवार को निशाना बना रहे हैं और राज्यसभा में अपनी नई पारी में भी उनके तेवर वैसे ही हैं। कांग्रेस के नेता उनके बयानों से लगातार असहज होते रहे हैं मगर अब बारी शायद खुद भारतीय जनता पार्टी की है।
राजकोषीय घाटा नहीं, मांग बढ़ाने की चिंता जरूरी: प्रो. अरुण कुमार

राजकोषीय घाटा नहीं, मांग बढ़ाने की चिंता जरूरी: प्रो. अरुण कुमार

जाने-माने अर्थशास्त्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर अरुण कुमार देश में मौजूदा आर्थिक हालात को वैश्विक आर्थिक सुस्ती की देन मानते हैं। उनका यह भी मानना है कि हर सरकार राजकोषीय घाटा कम करने के लिए ही चिंतित रहती है और उसी मुताबिक बजट बनाकर किसी लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहती है। इसे वह गलत धारणा मानते हैं। आउटलुक के राजेश रंजन से बातचीत में उन्होंने रोजगार, घरेलु मांग, विकास दर आदि बढ़ाने पर जोर दिया।
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