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सलमान निजामी के ट्वीट पर मोदी ने कहा- ऐसी भाषा दुश्मनों के लिए भी नहीं इस्तेमाल होती

सलमान निजामी के ट्वीट पर मोदी ने कहा- ऐसी भाषा दुश्मनों के लिए भी नहीं इस्तेमाल होती

गुजरात चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रचार कर रहे पीएम नरेंद्र मोदी ने मणिशंकर अय्यर के बाद सलमान निजामी...
गूगल इनपुट से लेकर मिश्री टपकाते गानों तक, ये हैं हिंदी के लिए उम्मीदों के दीए

गूगल इनपुट से लेकर मिश्री टपकाते गानों तक, ये हैं हिंदी के लिए उम्मीदों के दीए

पिछले कुछ सालों में गूगल इनपुट से लेकर मिस्री टपकाते गानों, कहानियों के जरिए हिंदी मुस्कुरा उठी है। आइए इन उम्मीदों के जगमग दीयों की ओर निहारें।
मधुकर मेहेंदले और अमृत सोमेश्वर को मिलेगा साहित्य अकादेमी का भाषा सम्मान

मधुकर मेहेंदले और अमृत सोमेश्वर को मिलेगा साहित्य अकादेमी का भाषा सम्मान

साहित्य अकादेमी, दिल्ली ने अपने महत्वपूर्ण ‘भाषा सम्मान’ के लिए वेद-वेदांगों, महाभारत आदि पुरा महाकाव्यों के विद्वान प्रो. मधुकर अनंत मेहेंदले और डॉ. अमृत सोमेश्वर का चयन किया है। वर्ष 1996 में शुरू हुआ यह सम्मान तीन दशक पूरा कर चुका है।
‘छत्तीसगढ़ी भाषा’ को लेकर आंदोलन तेज, जंतर-मंतर पर हुआ सत्याग्रह

‘छत्तीसगढ़ी भाषा’ को लेकर आंदोलन तेज, जंतर-मंतर पर हुआ सत्याग्रह

छत्तीसगढ़ी मातृभाषा की लड़ाई अब देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना और छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के सयुंक्त तत्वावधान में बुधवार को बड़ी संख्या में लोग सत्याग्रह के लिए एकजुट हुए।
आदिवासी के घर पहुंचे भाजपा नेता, पिकअप वैन से मंगवाया खाना, पहले ही लगवाए पंखे-जनरेटर

आदिवासी के घर पहुंचे भाजपा नेता, पिकअप वैन से मंगवाया खाना, पहले ही लगवाए पंखे-जनरेटर

केंद्र में मोदी सरकार के तीन साल की उपलब्धियां गिनाने झारखंड पहुंचे भाजपा नेता एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। चर्चा में आने की वजह कोई और नहीं बल्कि नेताओं का आदिवासी के घर पहुंचकर खाना बाहर से मंगवाकर खाना है।
अमित शाह का लंच, आदिवासी परिवार में पहुंचा एलपीजी सिलेंडर, रातोरात बना नया शौचालय

अमित शाह का लंच, आदिवासी परिवार में पहुंचा एलपीजी सिलेंडर, रातोरात बना नया शौचालय

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन दिनों अपने दौरे और लंच को लेकर काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं। लेकिन उनके ऐसे कार्यक्रमों से विपक्षी दल उनकी तारीफ नहीं बल्कि किरकरी कर रहे हैं।
देश की पहली ऐसी मस्जिद, जहां मूक-बधिर भी अता कर सकेंगे जुमे की नमाज़

देश की पहली ऐसी मस्जिद, जहां मूक-बधिर भी अता कर सकेंगे जुमे की नमाज़

अक्सर मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान सुनने के बाद ही नमाज पढ़ी जाती है। हाल ही में केरल की एक ऐसी अनोखी मस्जिद के बारे में पता चला है, जो मूक और बधिर लोगों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इस मस्जिद में हर जुमे की नमाज वे लोग भी पढ़ सकेंगे जो न तो सुन सकते हैं और न ही बोल सकते हैं।
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