साहित्य अकादेमी, दिल्ली ने अपने महत्वपूर्ण ‘भाषा सम्मान’ के लिए वेद-वेदांगों, महाभारत आदि पुरा महाकाव्यों के विद्वान प्रो. मधुकर अनंत मेहेंदले और डॉ. अमृत सोमेश्वर का चयन किया है। वर्ष 1996 में शुरू हुआ यह सम्मान तीन दशक पूरा कर चुका है।
छत्तीसगढ़ी मातृभाषा की लड़ाई अब देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना और छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के सयुंक्त तत्वावधान में बुधवार को बड़ी संख्या में लोग सत्याग्रह के लिए एकजुट हुए।
केंद्र में मोदी सरकार के तीन साल की उपलब्धियां गिनाने झारखंड पहुंचे भाजपा नेता एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। चर्चा में आने की वजह कोई और नहीं बल्कि नेताओं का आदिवासी के घर पहुंचकर खाना बाहर से मंगवाकर खाना है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन दिनों अपने दौरे और लंच को लेकर काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं। लेकिन उनके ऐसे कार्यक्रमों से विपक्षी दल उनकी तारीफ नहीं बल्कि किरकरी कर रहे हैं।