दिल्ली के वाटर टैंकर घोटाले में पूर्व सीएम शीला दीक्षित के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर ये एफआईआर दर्ज की गई। केजरीवाल पर 400 करोड़ रुपए के वाटर टैंकर घोटाले में जांच रिपोर्ट की फाइल को 11 माह तक दबाने का आरोप है। गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल को आरोपी बनाना इसलिए जरूरी था, क्योंकि भ्रस्टाचार को न सिर्फ छुपाया गया बल्कि आज भी उन्हीं कंपनियों को भुगतान किया जा रहा है।
ऐसा लगता है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश और पंजाब को लेकर जो भी योजना बना रही है उसमें बैठे ठाले कोई फच्चर फंस रहा है। पहले कमलनाथ को पंजाब कांग्रेस का प्रभार सौंपा गया तो 84 के सिख विरोधी दंगों का मसला उठ गया। इसके बाद खबरें आईं कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को कांग्रेस या तो उत्तर प्रदेश में सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है या पंजाब का प्रभार सौंप सकती है। इसके अगले ही दिन दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा शीला दीक्षित के खिलाफ जांच की सूचना आ गई।
कांग्रेस महासचिव कमलनाथ के पंजाब का प्रभार छोड़ने की घोषणा के बाद अब इसे लेकर अटकलें तेज हैं कि पंजाब का प्रभार किसे मिलेगा। पंजाब में अगले वर्ष के आरंभ में ही चुनाव होने हैं इसलिए कांग्रेस से किसी वरिष्ठ नेता को ही यह जिम्मेदारी दिए जाने की बात चल रही है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि तीन बार दिल्ली में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुकीं शीला दीक्षित को कमान दी जा सकती है।
हरियाणा में हालिया राज्यसभा चुनाव में जी मीडिया समूह के मालिक सुभाष चंद्रा के खिलाफ हार झेलने वाले वरिष्ठ वकील आर.के. आनंद ने कहा है कि उन्हें हराने के लिए आपराधिक साजिश रची गई है और वह इस मामले में एक-दो दिन में एफआईआर दर्ज कराएंगे।
अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर लाभ के पद के मामले में घिरे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब इस बारे में पूर्व के उदाहरणों का सहारा लेकर अपने विधायकों की कुर्सी बचाने की कोशिश में लग गए हैं। केजरीवाल ने बुधवार को मीडिया के सामने सवाल उठाया कि दिल्ली में कांग्रेस और भाजपा सरकारों के समय ऐसी ही नियुक्तियां संवैधानिक थीं तो अब उनकी सरकार के समय यह असंवैधानिक कैसे हो गईं?
दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को सदन में विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और मेज पर चढ़ गए। गुप्ता के इस कृत्य की काफी आलोचना हुई और विधानसभाध्यक्ष राम निवास गोयल ने इसे अत्यंत शर्मनाक करार दिया और कहा कि इससे सदन की बदनामी हुई है।
हरियाणा से राज्यसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा जीत गए हैं। चंद्रा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर यह चुनाव लड़ा था। चंद्रा की जीत में कांग्रेस विधायकों की बड़ी भूमिका मानी जा रही है।
हरियाणा में राज्यसभा की सीट के लिए मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इंडियन नेशनल लोकदल के समर्थन से जाने-माने वकील आरके आनंद ने जहां निर्दलीय उम्मीदवार के तौर नामांकन किया है वहीं मीडिया समूह के मालिक सुभाष चंद्रा ने भाजपा के समर्थन से निर्दलीय पर्चा भर दिया है।
हाल ही में कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी हरियाणा से नामी वकील और पूर्व राज्यसभा सांसद आरके आनंद को भी राज्यसभा भेज सकती है। बशर्ते आनंद प्रदेश से अपने लिए समर्थन जुटा सकें। कांग्रेस ने आरके आनंद को कहा है कि अगर वह हरियाणा से ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का समर्थन हासिल कर सकते हैं तो पार्टी उन्हें हरियाणा से उम्मीदवार घोषित कर सकती है। गौरतलब है कि राज्यसभा में सरकार के पास समर्थन नहीं है, इसलिए कांग्रेस चाहती है कि उसके तेज-तर्रार नेता राज्यसभा में पहुंचे। आरके आनंद जहां नामी वकील माने जाते हैं वहीं पार्टी के फायर ब्रांड नेता भी हैँ। कानूनी तौर पर उन्होंने बहुत दफा कांग्रेस के दिग्गजों की नइय्या पार लगाई है।