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Search Result : "आम जन को सूचना के अधिकार का एक मजबूत कानून"

आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
आजादी विशेष | साफ आबोहवा का अधिकार ही प्रदूषित

आजादी विशेष | साफ आबोहवा का अधिकार ही प्रदूषित

देश में पर्यावरण गंभीर खतरे में है। जन-जंगल-जमीन इस तरह प्रदूषित हो गया है कि साफ हवा और साफ पानी के लाले पड़े हुए हैं। ऐसे में पहले से लचर पर्यावरण कानूनों को मजबूत बनाने के बजाय केंद्र सरकार पर्यावरण कानूनों की समीक्षा के नाम पर पर्यावरण और लोगों के अधिकारों को रहन रखने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए पर्यावरण शब्द का मतलब निवेश का पर्यावरण बन गया है।
आजाद हिंदुस्तान में महिलाओं की कानूनी बेड़ियां | इंदिरा जयसिंह

आजाद हिंदुस्तान में महिलाओं की कानूनी बेड़ियां | इंदिरा जयसिंह

अगर आजादी का मतलब विदेशी हुकूमत से आजादी है तो वह यकीनन हमने हासिल कर ली। लेकिन सवाल यह है कि क्या महिलाओं को परंपराओं-मान्यताओं की जकड़न से आजादी मिली ? या पुराने पड़ चुके कानूनों ने उन्हें दूसरे तरह की जकड़न में बांध दिया है, आजाद हिंदुस्तान के कानूनों की बेड़ियां ?
आजादी विशेष | तकनीक से निजता में घुसपैठ की प्रक्रिया

आजादी विशेष | तकनीक से निजता में घुसपैठ की प्रक्रिया

नागरिकों की निजता खतरे में है। हर कदम पर यह खतरा महसूस होने लगा है। आधार कार्ड से लेकर डीएनए विधेयक तक और गली-मोहल्ले में कानून का हवाला देकर फैली नैतिक पुलिसिंग तक। मुंबई में पुलिस ने होटल पर छापा मारकर वहां कमरों में टिके युगलों को अपराधियों की तरह निकाला और उनके साथ बदसलूकी की। उन्हें सार्वजनिक अश्लीलता संबंधी कानून के तहत दोषी बताया गया। क्या यह किसी सभ्य-परिपक्व राज्य की निशानी है। नहीं।
कांग्रेस का पर्दाफाश करें राजग सांसद: नरेंद्र मोदी

कांग्रेस का पर्दाफाश करें राजग सांसद: नरेंद्र मोदी

संसद के मानसून सत्र के अनिशिचत काल के लिए स्थगित होने के बाद प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए सरकार की मंशा साफ कर दी। मोदी ने कांग्रेस के ऊपर विकास में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए अपने सांसदों से कांग्रेस के खिलाफ देश भर में आंदोलन चलाने को कहा।
आधार कार्ड अनिवार्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

आधार कार्ड अनिवार्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने आधार कार्ड की अनिवार्यता पर बरकरार संशय को खत्म करते हुए आज व्यवस्था दी कि सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना में पंजीकरण के लिए एकत्र व्यक्तिगत बायोमेट्रिक आंकड़ों को साझा करने से भी प्राधिकारियों पर रोक लगा दी।
पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार, योगेंद्र यादव रिहा

पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार, योगेंद्र यादव रिहा

सोमवार रात योगेंद्र यादव और उनके स्वराज अभियान के साथियों की जंतर मंतर से की गई गिरफ्तारी की शैली पर आज दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई। अदालत ने इस तरह से शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोक कर गिरफ्तार करने और नाजायज तरीके से बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए देर तक बिलावजह हिरासत में रखने पर पुलिस पर सख्त टिप्पणी की।
चैनलों पर अभिव्यक्ति की आजादी यूं दबा रही सरकार

चैनलों पर अभिव्यक्ति की आजादी यूं दबा रही सरकार

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति के स्वरों को पर्याप्त जगह देना ही नहीं बल्कि इन स्वरों का संरक्षण देना भी स्वस्‍थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है‍‍। मगर ऐसा लगता है कि हमारी केंद्र सरकार असहमति की छोटी से छोटी आवाज भी नहीं सुनना चाहती। तभी तो उसने देश के तीन बड़े समाचार चैनलों को याकूब मेमन की फांसी के कवरेज पर नोटिस जारी कर दिया है।
प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के खर्चे पर परदा क्यों

प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के खर्चे पर परदा क्यों

सूचना के अधिकार के तहत मिला नरेंद्र मोदी की सिर्फ दो यात्राओं का आंशिक ब्यौरा। सेशल्स में 1,26,61,928 रुपये (एक करोड़, छब्बीस लाख, 61 हजार 9सौ अठाइस रुपये) और मॉरिशस में 13,792,690 (1करोड़, 37 लाख, 92 हजार, छह सौ नब्बे रुपये खर्च हुए और यह आंशिक खर्च है। आखिर क्यों नहीं दे रहा पीएमओ पूरा ब्यौरा?
आधार पर केंद्र के सवाल बड़ी पीठ को भेजें या नहीं, फैसला मंगल को

आधार पर केंद्र के सवाल बड़ी पीठ को भेजें या नहीं, फैसला मंगल को

उच्चतम न्यायालय ने सरकार की सभी नागरिकों को आधार कार्ड मुहैया कराने की महत्वाकांक्षी परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ को सौंपने के केंद्र के आग्रह पर आज सुनवाई पूरी कर ली। न्यायालय इस पर मंगलवार को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि वह इस बारे में निर्णय करेगी कि केंद्र द्वारा उठाए गए सवालों को वृहद पीठ को भेजा जा सकता है या नहीं।