दो अज्ञात बदमाशों ने सोमवार को दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन के नियंत्रण कक्ष में घुसकर स्टेशन नियंत्रक को चाकू मारा और करीब 12 लाख रूपये नकदी के साथ फरार हो गए।
बात जनवरी 2011 की है। तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और राज्य में वाइब्रेंट गुजरात का सफल आयोजन कर विदेशी निवेशकों से लेकर देश के बड़े उद्योगपतियों को भी आकर्षित करते थे। इसी आयोजन में शामिल होने आए संयुक्त राष्ट्र की परियोजना से जुड़े प्रशांत किशोर का पहली बार नरेंद्र मोदी से आमना-सामना हुआ। बिहार के रहने वाले किशोर की मुलाकात कराने में एक आईएएस अधिकारी की बड़ी भूमिका थी। बिहार के रहने वाले गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी ने किशोर की तारीफ के जो पुल बांधे उससे मोदी प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाए।
उत्तराखंड में जारी राजनीतिक संकट के बीच सत्ताधारी कांग्रेस ने बाबा रामदेव पर भाजपा नेतृत्व के साथ मिलकर राज्य सरकार को गिराने का आरोप लगाया जबकि योग गुरू ने इसका खंडन करते हुए कहा कि राजनीतिक घटनाओं के लिए उनकी बजाय राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया जाया जाना चाहिए।
पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस रणनीति बनाने में जुट गई है। इसी क्रम में पार्टी ने पंजाब के वरिष्ठ नेताओं से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और चुनाव प्रबंधन के विशेषज्ञ प्रशांत किशोर के साथ मुलाकात की। वहीं पार्टी प्रवक्ता और पूर्व सांसद मनीष तिवारी को बैठक से दूर रखा गया।
विजय पताका लिए सेनापति दो वर्षों की अवधि में तीन सेनाओं के नेतृत्व का दावा कर रहे हैं। ऐसा चमत्कार तो रामायण-महाभारत काल या विक्रमादित्य और सम्राट अशोक के शासनकाल के युद्ध में भी पढ़ने-सुनने को नहीं मिलता। भारतीय लोकतंत्र में नेहरू-इंदिरा गांधी-राजीव गांधी, नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में सत्ता और संगठन के साथ विचारधाराओं के आधार पर जन समर्थन की सफलता-विफलता देखने को मिली। राव-मनमोहन राज और अटलजी की सत्ता के अंतिम दौर में ‘शाइनिंग इंडिया’ से जुड़ी राजनीतिक टीम और पर्दे के पीछे मोटी रकम देकर सर्वेक्षणों एवं विज्ञापनों की एजेंसियों की सहायता ली गई। लेकिन मोदी युग में समानान्तर राजनीतिक सत्ता का एक नया केन्द्र उभरकर आया। भाजपा, आर.एस.एस. एवं इससे संबद्ध विभिन्न संगठनों, स्वामी रामदेव के लाखों समर्थकों, नए-पुराने नेताओं के धुआंधार प्रचार के बावजूद मोदी-भाजपा की सफलता का श्रेय ‘राजनीतिक प्रचार प्रबंधक’ प्रशांत किशोर ने लिया।
पारंपरिक औषधि से संबंधित पहली भारतीय-अमेरिकी कार्यशाला आज नई दिल्ली में आरंभ हुई। यह कार्यशाला कल चार मार्च तक चलेगी। इस कार्यशाला का आयोजन पिछले वर्ष भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच हुई उस बातचीत के आधार पर की जा रहा है जिसमें दोनों नेताओं ने पारंपरिक औषधि के क्षेत्र में मिलकर काम करने की प्रतिबद्ता जताई थी।
नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की भारी चुनावी जीत में प्रमुख रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर अब एक किताब लिखने जा रहे हैं। अपनी पहली किताब में किशोर चुनाव को लेकर अपने अनुभव को साझा करने के साथ ही नेताओं और चुनावों को लेकर भारतीय मतदाताओं की सोच को भी विश्लेषित करेंगे।