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Search Result : "आर्थिक समीक्षा"

समीक्षा गब्बर इज बैक

समीक्षा गब्बर इज बैक

अब तो कालिया को पूछना पड़ेगा, ‘तेरा क्या होगा गब्बर?’ पूरी फिल्म देखते हुए लगता है हीरो का नाम गब्बर सिर्फ इसलिए है कि शोले के कुछ कालजयी संवादों को दोबारा कहा जा सके। यह अलग बात है कि यहां गब्बर खलनायक नहीं नायक है
तबाही के बाद बिहार में चुनौती

तबाही के बाद बिहार में चुनौती

बिहार के कोसी इलाके में तूफान की तबाही का मंजर अभी देख ही रहे थे कि अचानक पड़ोसी मुल्क नेपाल में आए भीषण भूकंप से यह पूरा इलाका ही थर्रा गया। सहरसा, पूर्णिया, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, अररिया आदि जिलों में तूफान के कहर के बाद यहां के लोगों को लग रहा था कि जन-जीवन सामान्य हो रहा है
परमाणु हथियारों का जखीरा खत्म हो: ईरान

परमाणु हथियारों का जखीरा खत्म हो: ईरान

ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने मंगलवार को यहां एनपीटी समीक्षा सम्मेलन में कहा, परमाणु हथियार संपन्न देशों ने अपने परमाणु हथियारों को समाप्त करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं की है।
फडणवीस कर रहे मुंबई को वैश्विक निवेश केंद्र बनाने का प्रयास

फडणवीस कर रहे मुंबई को वैश्विक निवेश केंद्र बनाने का प्रयास

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का कहना है कि राज्य सरकार ने इस्राइली निवेश को आकर्षित करने के प्रयास के तहत मुंबई को एक वैश्विक आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल शुरू कर दी है।
समीक्षा- मि. एक्स

समीक्षा- मि. एक्स

किसी साधारण बात को खास बनाने की जो भी संभव कोशिश हो सकती है, विक्रम भट्ट ने की है। थ्रीडी चश्मा, गायब होने वाला नायक, अंग्रेजी फिल्मों की तरह मारधाड़, विज्ञान के (कृपया बेतुका पढ़ें) चमत्कार आदि-आदि। फिर भी बेचारे दर्शक को समझ नहीं आता कि छोटे और ग्लैमरस कपड़ों में सिया वर्मा (अमायरा दस्तूर) दरअसल कैसी वाली पुलिस बनी हैं। रघु राठौर (इमरान हाशमी) पता नहीं कैसे सुपरकॉप बनें हैं जो न पहले अपने पुलिसिए बॉस का खुरपेंची दिमाग समझ पाए न बाद में अपनी पुलिसिया गर्लफ्रैंड का। मतलब दो-दो बार धोखा।
ईरान पर भारत को दिखलानी थी फुर्ती

ईरान पर भारत को दिखलानी थी फुर्ती

अमेरिका और उसके मित्र पश्चिमी देशों तथा ईरान के बीच परमाणु फ्रेमवर्क करार के रूप में संबंधों की बर्फ पिघलने का फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान ने भारत के मुकाबले ज्यादा फुर्तीला कूटनीतिक फुटवर्क दिखाया है।
समीक्षा- धरम संकट में

समीक्षा- धरम संकट में

भगवान या उनके नुमाइंदों को कटघरे में खड़ा करने वाली यह हाल ही की तीसरी फिल्म है। ओह माय गॉड, पीके के बाद धरम संकट में फिल्म भी श्रद्धा-विश्वास के बीच की रेखा को समझने की कोशिश करती है। वैसे यकीन मानिए यह किसी साधू-संत से ज्यादा परेश रावल की फिल्म है।
फिल्म समीक्षाः डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्‍शी

फिल्म समीक्षाः डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्‍शी

दो साल के अंतराल के बाद दिबाकर बनर्जी अपनी नई फिल्म डिटे‌क्टिव ब्योमकेश बक्‍शी के साथ लोगों के सामने हैं। बनर्जी ने प्रसिद्ध बांग्ला लेखक शार्देंदू बंद्योपाध्याय रचित प्रसिद्ध चरित्र ब्योमकेश बक्‍शी को केंद्र में रखकर दूसरे विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि में उस दौर के कोलकाता और युद्ध के दौरान जापानी सेना के भारत में लगातार बढ़ते अभियान के साथ-साथ चीनी और जापानी ड्रग माफिया की कहानी को एक सस्पेंस थ्रिलर के रूप में पेश किया है।
बजट : मनमोहन को नहीं मोहा बजट ने

बजट : मनमोहन को नहीं मोहा बजट ने

नरसिंह राव सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर 1991 में आर्थिक सुधारों का मार्ग प्रशस्त करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आज पेश किया गया वर्ष 2015-2016 का बजट राजग सरकार के अच्छे इरादों को जाहिर करता है लेकिन इसमें उद्देश्यों को हासिल करने के लिए किसी स्पष्ट योजना का अभाव है।
बजट : वृद्धि की दौड़ का आर्थिक सर्वेक्षण

बजट : वृद्धि की दौड़ का आर्थिक सर्वेक्षण

आम बजट से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 पेश किया। सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष में 8.1 से 8.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि रहने का अनुमान लगाते हुये बड़े आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
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