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बांग्लादेश: समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता की हत्या मामले में एक आतंकी गिरफ्तार

बांग्लादेश: समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता की हत्या मामले में एक आतंकी गिरफ्तार

बांग्लादेश पुलिस ने देश की पहली समलैंगिक पत्रिका के संपादक और उनके मित्र की हत्या के मामले में एक संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी की घोषणा की है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर की गई है, जब मुस्लिम बहुल इस देश में एक के बाद एक बुद्धिजीवियों, लेखकों और अल्पसंख्यकों की हत्याएं हुई हैं।
पाशा ने कहा, मुंबई हमले में हम शामिल थे पर हमारा नहीं था यह मिशन

पाशा ने कहा, मुंबई हमले में हम शामिल थे पर हमारा नहीं था यह मिशन

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख शुजा पाशा ने माना है कि 2008 मुंबई हमले में उनके लोग शामिल थे। अमेरिका में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत हुसैन हक्कानी ने अपनी किताब इंडिया वर्सेस पाकिस्तान में इस बात का दावा किया है।
पाकिस्तान को उसके ही राजनयिक की नसीहत, आतंकियों पर कार्रवाई करो

पाकिस्तान को उसके ही राजनयिक की नसीहत, आतंकियों पर कार्रवाई करो

पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी का कहना है कि पाकिस्तान को भारत पर हमलों के जिम्मेदार लोगों में से कुछ को सिर्फ घर में नजरबंद कर देने या अन्य को खुला छोड़कर भाषण देते रहने देने के बजाय उनपर कार्रवाई करनी चाहिए।
गर्मियों में कामकाजी महिलाओं के लिए टिप्स

गर्मियों में कामकाजी महिलाओं के लिए टिप्स

कामकाजी महिलाओं को अपने कार्य स्थल पर जाने के लिए प्रतिदिन ट्रैफिक जाम, वायु प्रदूषण और कालिख से जूझना पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को अपनी स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए।
पाकिस्तान के सबसे अमीर नेताओं में नवाज शरीफ भी शामिल

पाकिस्तान के सबसे अमीर नेताओं में नवाज शरीफ भी शामिल

पनामा पेपर्स लीक विवाद के बीच पाकिस्तान के वजीरे आजम नवाज शरीफ दो अरब रूपये की निजी संपत्ति के साथ देश के सबसे अधिक दौलतमंद नेता के तौर पर उभरे हैं। गौरतलब है कि महज चार साल में उनकी संपत्ति में करीब एक अरब रूपये का इजाफा हुआ है।
सही फिल्मी पटकथा का इंतजार कर रही हूं : माधुरी दीक्षित

सही फिल्मी पटकथा का इंतजार कर रही हूं : माधुरी दीक्षित

अभिनेत्री माधुरी दीक्षित कुछ समय से बड़े पर्दे से दूर हैं और उनका कहना है कि वह अभी सही पटकथा का इंतजार कर रही हैं जिससे वह फिल्मों में वापसी कर सकें।
मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

पाकिस्तान के प्रसिद्ध कहानीकार इंतिजार हुसैन ने 2 फरवरी 2016 को इस संसार से विदा ले ली। भारत में पैदा हुए इंतिजार की शिक्षा पहले हापुड़ फिर मेरठ कॉलेज से हुई थी। सन 2012 में सआदत हसन मंटो की जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर पाकिस्तान के नामी अफसानानिगार इंतिजार हुसैन भारत आए थे। विभाजन के बाद वह परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन उनकी रूह भारत में ही रहती थी। उनकी कहानियों में अलग तरह का दर्शन था। बस्ती, हिंदुस्तान से आखिरी खत उनकी लोकप्रिय कृतियों में से है। तब उन्होंने आउटलुक से ढेर सी बात की थी। उनके साक्षात्कार में उन्होंन बताया था भारत और भारतीयता की समझ को। उनका भारत में दिया गया अंतिम साक्षात्कार
‘बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते’

‘बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते’

यह लगभग चार साल पहले की बात है। भारत में अफसानानिगार सआदत हसन मंटों की 100वीं जन्मशताब्दी मनाई जा रही थी। दिल्ली और पंजाब में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे थे। इस सिलसिले में एक कार्यक्रम दिल्ली में भी आयोजित हुआ जिसमें मंटो पर बात करने के लिए पाकिस्तान से कई अफसानानिगार और बुद्धिजीवि आए। उसी कार्यक्रम में पाकिस्तान के मशहूर उर्दू कहानिकार और पत्रकार इंतिजार हुसैन भी आए थे। वहीं उनसे पहली मुलाकात रही। हमेशा से इंतिजार हुसैन उतने ही भारतीयों के भी रहे जितने वह पाकिस्तान के थे। वह भी मंटो की बेबाक लेखनी के दीवाने थे। इंतजार साहब का जन्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के दिबाई गांव में हुआ था। मंगलवार को 93 वर्षीय इस लेखक का पाकिस्तान में निधन हो गया। भारत में किस प्रकार सोशल मीडिया पर लोगों ने इंतिजार साहब को याद किया-
आईएसआईएस के खतरे पर मुस्लिम धर्मगुरूओं से मिले राजनाथ

आईएसआईएस के खतरे पर मुस्लिम धर्मगुरूओं से मिले राजनाथ

आईएसआईएस की ओर से भारतीय नौजवानों को कथित तौर पर आकर्षित करने के प्रयासों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज देश के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरूओं से मुलाकात की और आतंकी समूह के मंसूबों को नाकाम करने में उनका सहयोग मांगा।
इंतजार खत्म, नेताजी से जुड़ी 100 गोपनीय फाइलें सार्वजनिक

इंतजार खत्म, नेताजी से जुड़ी 100 गोपनीय फाइलें सार्वजनिक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुभाष चंद्र बोस की 119वीं जयंती पर उनसे जुड़ी 100 गोपनीय फाइलों की डिजिटल प्रतियां सार्वजनिक कीं। इन फाइलों से नेताजी की मृत्यु से जुड़े विवाद को समझने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने फाइलों को सार्वजनिक किया और इनकी डिजिटल प्रतियां भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में प्रदर्शित करने के लिए जारी कीं।
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