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हॉकी इंडिया से विवाद निपटारे का इच्छुक है पाकिस्तान

हॉकी इंडिया से विवाद निपटारे का इच्छुक है पाकिस्तान

क्रिकेट कूटनीति में दाल नहीं गलती देख अब पाकिस्तान ने भारतीय हॉकी लीग में भागीदारी का प्रस्ताव हॉकी इंडिया के समक्ष रखा है। पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (पीएचएफ) ने हॉकी इंडिया से गतिरोध खत्म करने के लिए बातचीत का प्रस्ताव रखा है। पिछले साल चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के दुर्व्यवहार के कारण बेशुमार दौलत वाले इंडियन लीग में उनके खिलाड़ियों की हिस्सेदारी प्रतिबंधित कर दी गई थी।
जान निकाल ली जांनिसार ने

जान निकाल ली जांनिसार ने

यह तो मानना ही पड़ेगा कि चमत्कार एक ही बार होता है। निर्देशक मुजफ्फर अली ने एक बार उमराव जान बना दी और इसी की बदौलत आज तक उनकी पहचान है। जांनिसार में वह यह जादू दोहरा नहीं पाए हैं।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान क्लाइव राइस का निधन

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान क्लाइव राइस का निधन

पूर्व आलराउंडर और दक्षिण अफ्रीका की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद उसके पहले कप्तान क्लाइव राइस का आज निधन हो गया। वह 66 साल के थे।
35 साल बाद भी क्रिकेट राजनीति में अब्‍दुल्‍ला नॉट आउट

35 साल बाद भी क्रिकेट राजनीति में अब्‍दुल्‍ला नॉट आउट

नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूख अब्‍दुल्‍ला को हटाकर उनकी जगह राज्‍य के खेल मंत्री इमरान अंसानी को जम्‍मू-कश्‍मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) का नया अध्‍यक्ष चुना गया है। लेकिन इस चुनाव पर अदालत की रोक के चलते अब्‍दुल्‍ला जेकेसीए की पिच पर नॉट आउट बने हुए हैं।
कंगना की कट्टी इमरान की बट्टी

कंगना की कट्टी इमरान की बट्टी

टाइमपास पत्नी की भूमिका के बाद टाइम पास प्रेमिका की भूमिका में कंगना रणौत हाजिर हैं। बस इसके लिए दर्शकों को सितंबर तक इंतजार करना होगा। निखिल आडवाणी की रोमांटिक कॉमेडी कट्टी बट्टी में कंगना इस बार बांके छोरे इमरान खान के साथ जोड़ी जमा रही हैं।
फिल्‍म समीक्षा: अधूरी नहीं, एक कहानी पूरी सी

फिल्‍म समीक्षा: अधूरी नहीं, एक कहानी पूरी सी

यह तो तय है कि फिल्मकार पुरानी जड़ों की ओर लौट रहे हैं। 60-70 के दशक की ‘परंपराएं’ और ‘संस्कार’ उन्हें लुभा रहे हैं। हमारी अधूरी कहानी इस बात के प्रमाण देती है। एक प्रेम कहानी को फिल्माने के हजारों तरीके होते हैं। फिर भी यह तरीके तयशुदा ही है। दो नायक एक नायिका वाला यह त्रिकोण भी ऐसा ही है।
समीक्षा- मि. एक्स

समीक्षा- मि. एक्स

किसी साधारण बात को खास बनाने की जो भी संभव कोशिश हो सकती है, विक्रम भट्ट ने की है। थ्रीडी चश्मा, गायब होने वाला नायक, अंग्रेजी फिल्मों की तरह मारधाड़, विज्ञान के (कृपया बेतुका पढ़ें) चमत्कार आदि-आदि। फिर भी बेचारे दर्शक को समझ नहीं आता कि छोटे और ग्लैमरस कपड़ों में सिया वर्मा (अमायरा दस्तूर) दरअसल कैसी वाली पुलिस बनी हैं। रघु राठौर (इमरान हाशमी) पता नहीं कैसे सुपरकॉप बनें हैं जो न पहले अपने पुलिसिए बॉस का खुरपेंची दिमाग समझ पाए न बाद में अपनी पुलिसिया गर्लफ्रैंड का। मतलब दो-दो बार धोखा।
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