सोशल मीडिया से जागरुकता बढ़नी चाहिए अथवा संकीर्ण विचारों को फैलाया जाए? यह सवाल विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज की ईरान यात्रा के दौरान राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात के दौरान पहनी लिबास पर सोशल मीडिया में चली निरर्थक बहस से उठता है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कल दो दिन की ईरान यात्रा पर रवाना होंगी। उनकी इस यात्रा का मकसद तेल एवं व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में ईरान के साथ सहयोग बढ़ाना है। सामरिक तौर पर काफी अहम माने जाने वाला ईरान एक ऐतिहासिक परमाणु करार के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के खत्म होने के बाद अब पहले की तरह कारोबार बहाल करने के लिए तैयार है।
भले ही डोनाल्ड ट्रंप अबतक रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दावेदारी हासिल नहीं कर पाए हों मगर उन्होंने अभी से यह बताना शुरू कर दिया है कि राष्ट्रपति चुने जाने के बाद वह क्या बदलाव लाने जा रहे हैं। इस कड़ी में उनकी ताजा धमकी ने पूरे विश्व समुदाय को चिंतित कर दिया है।
दुनिया बदल रही है। दस वर्ष पहले किसने कल्पना की होगी कि हवाना की वायु सीमा में अमेरिकी राष्ट्रपति का विमान उड़ सकता है? किसने सोचा होगा कि इस्लामी साम्राज्य के नाम पर होने वाले अंतरराष्ट्रीय युद्ध में ईरान जैसा कट्टरपंथी देश अपने दशकों पुराने दुश्मन अमेरिका और उसके सहयोगी यूरोपीय देशों के साथ खड़ा दिखाई देगा?
दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनुशासन सफलता को मजबूत बनाने की आधार शिला है इसलिए छात्रों को दूसरों से स्पर्धा करने की बजाय खुद से स्पर्धा करनी चाहिए और आशाओं के बोझ के नीचे दबने की बजाए अपना लक्ष्य खुद निर्धारित करना चाहिए। रेडियो पर मन की बात करते हुए पीएम मोदी छात्रों को पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुल्कर का संदेश भी सुनवाया।
अमेरिका और रूस ने घोषणा की है कि सीरिया में शनिवार से ऐतिहासिक संघर्ष विराम लागू होगा लेकिन इस संघर्षविराम में मुख्य जिहादी संगठन इस्लामिक स्टेट और अल नुसरा फ्रंट शामिल नहीं हैं। वाशिंगटन और मॉस्को ने सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी कर घोषणा की कि 27 फरवरी को दमिश्क के समयानुयार मध्य रात्रि से आंशिक संघर्षविराम शुरू होगा। इससे उस संघर्ष पर विराम लगने की उम्मीद है जिसमें अब तक 2,60,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और आधी से अधिक आबादी विस्थापित होने को मजबूर हुई है।
अंतरराष्ट्रीय उर्जा एजेंसी (आईईए) ने कच्चे तेल बाजार में अधिक आपूर्ति की चेतावनी दी है जिसके बाद एशियाई बाजार में आज अमेरिकी कच्चे तेल का भाव 28 डालर प्रति बैरल से नीचे आ गया। यह 12 साल का नया निम्न स्तर है।