Advertisement

Search Result : "उपेंद्र अग्रवाल"

कहानी - फिर भी यह मन

कहानी - फिर भी यह मन

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के एक गांव सिलहटा में जन्म। बी.ए. तक की पढ़ाई गांव और गोरखपुर में। जवाहर लाल विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से हिन्दी साहित्य में एम.ए., एम.फिल और पी-एच.डी.। इन दिनों हालचाल, अनभै कथा, असुंदर सुंदर, बिल्कुल तुम्हारी तरह, कायांतरण कविता संग्रह। हिंदी के साथ-साथ भोजपुरी में भी लेखन। कुछ कविताएं अंग्रेजी, मराठी, उर्दू, उड़िया और पंजाबी में अनूदित। लंबी कविता सोनचिरई की कई नाट्य प्रस्तुतियां। आलोचना पर पुस्तकें - भारतीय समाज, राष्ट्रवाद और प्रेमचंद, शब्दों में समय, आलोचना का मानुष-मर्म, सर्जक का स्वप्न, विचारधारा, नए विमर्ष और समकालीन कविता, उपन्यास की परिधि। प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘उम्मीद’ का संपादन। कविता के लिए भारत भूषण अग्रवाल सम्मान और आलोचना के लिए देवीशंकर अवस्थी सम्मान सहित हिंदी अकादमी दिल्ली का ‘कृति सम्मान’, उ.प्र. हिंदी संस्थान का ‘रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार’, उ. प्र. हिंदी संस्थान का ‘विजयदेव नारायण साही पुरस्कार’, भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता का युवा पुरस्कार, डॉ. रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान और परंपरा ऋतुराज सम्मान।
कंपनी कर की दर घटाने, रियायतें खत्म करने की शुरुआत हो सकती है बजट में

कंपनी कर की दर घटाने, रियायतें खत्म करने की शुरुआत हो सकती है बजट में

उद्योग व्यवसाय जगत के विशेषज्ञों ने कहा है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बार के बजट में कार्पोरेट कर की दर में कटौती और उद्योगों को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की कर रियायतों को धीरे-धीरे वापस लेने की शुरुआत कर सकते हैं। इसके साथ ही खास कर वेतनभोगी वर्ग की क्रयशक्ति बढाने के लिए व्यक्तिगत आय पर कर छूट की सीमा को मौजूदा ढाई लाख से कुछ ऊपर की जा सकती है।
स्टार्टअप ‌को तीन साल तक निगरानी छूट देने का निर्देश

स्टार्टअप ‌को तीन साल तक निगरानी छूट देने का निर्देश

श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) तथा स्वास्थ्य बीमा प्रदाता ईएसआईसी को निर्देश दिया है कि नयी कंपनियों (स्टार्टअप) को तीन साल के लिए निरीक्षण व रिटर्न दाखिल करने से छूट दी जाए।
चंडीगढ़ पहुंचे फ्रांस के राष्‍ट्रपति, पीएम मोदी से मुलाकात

चंडीगढ़ पहुंचे फ्रांस के राष्‍ट्रपति, पीएम मोदी से मुलाकात

गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलाेंद आज चंडीगढ़ पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चंडीगढ पहुंचकर उनका स्‍वागत किया। फिर दोनों शहर के मशहूर रॉक गार्डन गए और बाद में भारत-फ्रांस व्‍यापार सम्‍मेलन में शामिल हुए।
हृदय रोगियों के लिए ऊंचाई पर रहना खतरनाक

हृदय रोगियों के लिए ऊंचाई पर रहना खतरनाक

स्वास्‍थ्य के क्षेत्र में हुए एक अध्ययन से खुलासा हुआ है कि कार्डिएक अरेस्ट की स्थिति में किसी बहुमंजिला इमारत के ऊपरी मंजिलों पर रहने वाले ‌हृदय रोगियों की तुलना में निचले तल पर रहने वाले हृदय रोगियों के बचने की उम्मीद ज्यादा होती है। इसकी वजह यह है कि कार्डिएक अरेस्ट होने पर ऊपरी मंजिलों की तुलना में निचली मं‌जिलों पर मदद ज्यादा तेजी से पहुंच सकती है।
बदलते भारत को नई ताकत देतीं देवियां

बदलते भारत को नई ताकत देतीं देवियां

महिला शिक्षा और सशक्तीकरण का बीड़ा उठा रहीं महिला हस्तियों की दिलचस्प और अनुकरणीय पहल, जो कारोबार, खेल और बैंकिंग क्षेत्रों में कामयाबी की बुलंदी छू रही हैं
सिगरेट की लत छुड़ाने को न लें ई-सिगरेट का सहारा

सिगरेट की लत छुड़ाने को न लें ई-सिगरेट का सहारा

पूरी दुनिया में पिछले कुछ समय से सिगरेट के विकल्प के रूप में ई-सिगरेट का चलन तेजी से बढ़ा है मगर विशेषज्ञों का कहना है कि ई-सिगरेट का इस्तेमाल सिगरेट की लत छुड़ाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि अभी तक यही जानकारी नहीं है कि यह कितना सुरक्षित या असरदार है।
पिछड़ा वर्ग आरक्षण सरकार के लिए चुनौती

पिछड़ा वर्ग आरक्षण सरकार के लिए चुनौती

बिहार विधानसभा चुनाव में पिछड़ा वर्ग को मिले आरक्षण के एक मुद्दे ने देश की सियासत ही बदल दी। चुनाव के दौरान जिस तरह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा के बयान की जो मतदाताओं में प्रतिक्रिया हुई, उसे देखते हुए भाजपा और राजग के साथ खड़े पिछड़े वर्ग के नेता सियासी अहमियत समझ अब इस वर्ग के हितों की बात खुलकर करने लगे हैं। हालांकि भाजपा नेताओं ने बार-बार इस बात को दुहराया कि आरक्षण की समीक्षा नहीं की जाएगी लेकिन इसका खास सियासी असर नहीं पड़ा।
बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

पहली बार मैं किसी मामले में अमित शाह से खुद को पूरी तरह सहमत पाता हूं। यह कि बिहार चुनाव केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों और कामकाज पर जनमत संग्रह नहीं है।
राजग  में सीटों को बंटवारे को लेकर नहीं बनी सहमति

राजग में सीटों को बंटवारे को लेकर नहीं बनी सहमति

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई। भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेताओं की बैठक में भाजपा ने साफ कर दिया कि वह 150 से 170 सीटों पर चुनाव लड़ेगी बाकी सीटें सहयोगी दलों के लिए रहेगी।
Advertisement
Advertisement
Advertisement