Advertisement

Search Result : "एंबुलेंस प्रकरण"

धमकी प्रकरण: वाॅयस सैंपल के लिए मुलायम को नोटिस

धमकी प्रकरण: वाॅयस सैंपल के लिए मुलायम को नोटिस

आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को फोन कर कथित तौर पर धमकाने के मामले में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
यूपी: एंबुलेंस के लिए घंटों तड़पती रही गर्भवती महिला, चालकों ने बताया तेल नहीं है

यूपी: एंबुलेंस के लिए घंटों तड़पती रही गर्भवती महिला, चालकों ने बताया तेल नहीं है

उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था को लेकर असुविधा से जूझ रहे मरीजों की की पोल खुलती जा रही है। इस बार सीएम योगी के यूपी में सरकारी अस्पताल की अव्यवस्था का किस्सा एक ऐसे अस्पताल का है, जहां प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को एंबुलेंस सेवा नहीं मिली और बाद में उसे निजी वाहन से सहारनपुर ले जाना पड़ा।
यूपी: अस्पताल से नहीं मिली एंबुलेंस, साइकिल पर ले जाना पड़ा मासूम का शव

यूपी: अस्पताल से नहीं मिली एंबुलेंस, साइकिल पर ले जाना पड़ा मासूम का शव

उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई। जिला अस्पताल में शव वाहन न मिलने के कारण मामा को सात महीने की भांजी का शव साइकिल पर ही घर लाना पड़। लगातार बढ़ती इस तरह की घटनाएं व्यवस्था की संवेदनहीनता को उजागर करती हैं।
शर्मसार: अस्पताल ने नहीं दी एंबुलेंस तो स्ट्रेचर पर रख कर ले जाना पड़ा पत्नी का शव!

शर्मसार: अस्पताल ने नहीं दी एंबुलेंस तो स्ट्रेचर पर रख कर ले जाना पड़ा पत्नी का शव!

उत्तरप्रदेश के कौशांबी जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली खबर आ रही है। अस्पताल प्रशासन ने पैसे के बिना पत्नी का शव ले जाने के लिए पति को एंबुलेंस नहीं दी। पति को मजबूरन पत्नी का शव स्ट्रेचर पर रख कर घर ले जाना पड़ा।
यूपी में पिता कंधे पर लादकर ले गया बेटे का शव

यूपी में पिता कंधे पर लादकर ले गया बेटे का शव

स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम आज भी जस की तस है जबकि उत्तर प्रदेश की सत्ता अखिलेश सरकार से होकर योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है। इस दौरान सरकार बदलाव के तमाम बड़े दावे करे, लेकिन एक आम आदमी के द्वारा शव को अपने कंधे पर उठाकर ले जाना सभी दावों को ढेर करता दिख रहा है।
मेडिकल कालेज में नहीं थी एंबुलेंस, एएमयू के प्रोफेसर की गई जान

मेडिकल कालेज में नहीं थी एंबुलेंस, एएमयू के प्रोफेसर की गई जान

उत्तर प्रदेश की चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था का हाल बेहाल है। यहां कमजाेेर तबके के अलावा अन्‍य वर्गों के लोगों को भी बदहाल चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था का शिकार होना पड़ता है। ताजा वाकया है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का, जहां के एक प्राेफेसर की समय पर एंबुलेंस नहीं मिलनेे पर मौत हो गई।
शाह बानो प्रकरण : मोदी के मंत्री अकबर ने ही पलटवाया था अदालत का फैसला

शाह बानो प्रकरण : मोदी के मंत्री अकबर ने ही पलटवाया था अदालत का फैसला

समान नागरिक संहिता पर जोर देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्तमान सरकार में विदेश राज्यमंत्री एम. जे. अकबर ने ही शाह बानो मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से परामर्श कर अदालत का फैसला पलटवाया था। पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह ने यह खुलासा किया है। 1986 के इस बेहद विवादित मामले में राजीव गांधी की तत्कालीन केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिला (तलाक अधिकार संरक्षण) अधिनियम पारित कर मोहम्मद खान बनाम शाह बानो मामले में सर्वोच्च अदालत द्वारा 23 अप्रैैल, 1985 को दिए फैसले को पलट दिया था।
कैराना का सच बताकर मुस्लिमों को लुभाएगी सपा

कैराना का सच बताकर मुस्लिमों को लुभाएगी सपा

समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है। इसके साथ ही पार्टी भाजपा के झूठ को भी प्रचारित करने का प्रयास करेगी।
मानेसर जमीन प्रकरण : ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ पीएमएलए मामला दर्ज किया

मानेसर जमीन प्रकरण : ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ पीएमएलए मामला दर्ज किया

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए नयी मुसीबत पैदा करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुड़गांव के मानेसर में जमीन के अधिग्रहण में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर उनके और अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया। इस प्रकरण में किसानों को 1500 करोड़ रूपए का चूना लगाया गया था।
कालाहांडी के बाद बालासोर, लाश की हड्डियां तोड़ गठरी बनाकर बांस के डंडे से ढोया

कालाहांडी के बाद बालासोर, लाश की हड्डियां तोड़ गठरी बनाकर बांस के डंडे से ढोया

एंबूलेंस नहीं देने के बाद ओडिशा के कालाहांडी में पत्नी की लाश को 10 किलोमीटर तक कंधे पर ढोने के मामले पर अभी भी बहस जारी है, इसी बीच इसी तरह का एक और प्रकरण सामने अाया है। राज्‍य के बालासोर में अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिलने के बाद महिला के मृत शरीर की हड्डियां तोड़ उसकी गठरी बनाकर बांस के डंडे और मजदूरों के जरिये उसे ढोकर स्टेशन तक पहुंचाया गया।
Advertisement
Advertisement
Advertisement