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क्रिकेट के धंधेबाज नेता संकट में

क्रिकेट के धंधेबाज नेता संकट में

आखिरकार क्रिकेट के धंधे से चांदी कूटने और नेतागिरी चमकाने वाले नेता लंबी कानूनी लड़ाई के बाद असली संकट में फंसे हैं। यूं पुराने खिलाड़ी होने की वह से वे वर्चस्व के ‌लिए ‘बेनामी’ यानी कठपुतलियों को आगे बढ़ाने का फार्मूला बढ़ा सकते हैं।
जब ‘लाट साहब’ मोहरे हों | आलोक मेहता

जब ‘लाट साहब’ मोहरे हों | आलोक मेहता

महामहिम राज्यपाल वर्तमान से भूतपूर्व हो जाने पर भी अपने पराए उन्हें ‘लाट साहब’ के रूप में पुकारते हैं। सरकारी नौकरी में जीवन पर्यंत बड़े बाबू से बड़े साहब-सचिव-मुख्य सचिव बन जाएं, लेकिन जोड़-तोड़ में माहिर होने पर रिटायर होने के बाद लाट साहब, नेताजी, मंत्रीजी भी बन जाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट बचा रहा लोकतंत्र | आलोक मेहता

सुप्रीम कोर्ट बचा रहा लोकतंत्र | आलोक मेहता

सुप्रीम कोर्ट लगातार अपनी निष्पक्षता से ऐतिहासिक फैसले देकर लोकतंत्र में व्यवस्‍था को निरंकुश होने से बचाने के साथ शीर्षस्‍थ पूंजीपतियों, संस्‍थाओं की अनियमितताओं को रोकने का काम कर रहा है।
पार्टी को हलफनामा कंपनी की तर्ज पर | आलोक मेहता

पार्टी को हलफनामा कंपनी की तर्ज पर | आलोक मेहता

आर्थिक उदारीकरण के 25 साल पूरा होने का असली असर कांग्रेस पार्टी पर दिखाई दे रहा है। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर 130 साल से अधिक सक्रिय कांग्रेस पार्टी अब इस हालत में पहुंच गई है कि पंजाब-उत्तर प्रदेश में उम्मीदवार के चयन की सूची में शामिल होने के लिए भी ‘वफादारी’ का कानूनी हलफनामा मांगा जा रहा है।
चर्चा : कश्मीर पर मीडिया का संयम जरूरी। आलोक मेहता

चर्चा : कश्मीर पर मीडिया का संयम जरूरी। आलोक मेहता

कश्मीर में हिजबुल के खूंखार आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हिंसा और बिगड़ी स्थिति चिंताजनक है। ऐसी हालत में एक बार फिर मीडिया सवालों के घेरे में है। निश्चित रूप से स्वतंत्र मीडिया दुनिया भर को तथ्य पहुंचाता है। अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे लोकतांत्रिक देशों की समस्याएं, आतंकवादी घटनाएं और हिंसा की समस्याएं भारत से भिन्न हैं।
चर्चाः सोशल बनाम एंटी सोशल मीडिया| आलोक मेहता

चर्चाः सोशल बनाम एंटी सोशल मीडिया| आलोक मेहता

महिला और बाल विकास मं­त्री मेनका गांधी ने सोशल मीडिया में महिलाओं के प्रति अपमानजनक अभद्र टिप्पणी करने और धमकी देने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की है। सबसे बड़ा संकट यह है कि सोशल मीडिया के ‘ट्विटर’ जैसे माध्यम में संदेश के नाम पर अपराध करने वालों की सही नाम और पतों को खोजना असंभव सा है।
हमलों से पहले जांच-कार्रवाई क्यों नहीं? आलोक मेहता

हमलों से पहले जांच-कार्रवाई क्यों नहीं? आलोक मेहता

महाराष्ट्र सरकार ने विवादास्पद उपदेशक जाकिर नाइक के आतंकवाद समर्थक भाषणों की जांच के आदेश दिए हैं। आरोप यह है कि पिछले दिनों बांग्लादेश में हुए घृणित आतंकवादी हमले में शामिल एक आतंकवादी जाकिर नाइक से ‘प्रेरित’ होकर ऐसी गतिविधि में शामिल हुआ।
चरखा से विश्व विजय की उड़ान | आलोक मेहता

चरखा से विश्व विजय की उड़ान | आलोक मेहता

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुनिया के सबसे लंबे चरखे का अनावरण मंगलवार को हुआ। चरखा महात्मा गांधी के आदर्शों-विचारों के साथ भारत के सर्वांगीण विकास और सद्भावना का प्रतीक है।
भ्रष्ट अफसर से ‘आप’ की प्रतिबद्धता | आलोक मेहता

भ्रष्ट अफसर से ‘आप’ की प्रतिबद्धता | आलोक मेहता

सरकारी अधिकारियों की राजनीतिक प्रतिबद्धता वर्षों से विवाद का मुद्दा रही है। कांग्रेस, कम्युनिस्ट, सोशलिस्ट, संघ की विचारधाराओं वाली सरकारें रहने पर यह सवाल उठता रहा है कि नौकरीशाही किसी दल, व्यक्ति या विचार से प्रतिबद्ध रहने के बजाय लोकसेवक के रूप में नियम-कानून के अनुसार सरकार-संगठन द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों और आदेशों का क्रियान्वयन करे।
चर्चाः सेवा करने वालों का हिसाब-किताब | आलोक मेहता

चर्चाः सेवा करने वालों का हिसाब-किताब | आलोक मेहता

महान भारत देश में करीब 30 लाख संस्‍‌थाओं ने ‘स्वयंसेवी’ संगठन के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन करवा रखा है। लेकिन मात्र 10 प्रतिशत संस्‍थाएं ही अपनी आमदनी-खर्च का विवरण आयकर विभाग को देती हैं। सेवा करने वालों को अपने बही-खाते की पारदर्शिता रखने से परहेज क्यों है?
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