कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी के चुनावों में भाजपा द्वारा एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिए जाने पर अफसोस जताया था और अब दो और केंद्रीय मंत्रियों ने पार्टी के इस फैसले को गलत करार दिया है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि कुछ लोग निहित स्वार्थ के लिए वक्फ संपत्तियों के विकास और समाज के हितों के रास्ते में अवरोध उत्पन्न कर रहे हैं। नकवी ने कहा कि कुछ वक्फ बोर्डों में गंभीर गड़बड़ियों के मामले भी सामने आये हैं जिनकी उच्चस्तरीय जाँच चल रही है और जांच पूरी होने पर इन मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नकवी ने यह बात नई दिल्ली में आयोजित केंद्रीय वक्फ परिषद की 75वीं बैठक के दौरान कही।
सेना भर्ती बोर्ड की परीक्षा के पर्चे कथित रूप से लीक हो गए जिसके बाद ठाणे पुलिस की अपराध शाखा ने छापेमारी कर महाराष्ट्र एवं गोवा से 18 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पर्चा लीक होने के सिलसिले में करीब 250 छात्रों को भी हिरासत में लिया गया। रविवार को पूरे देश में भर्ती परीक्षा होने वाली थी।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुसलमानों से लगातार वोट की अपील कर रही बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को कहा कि राज्य में सपा के लगभग पांच साल और केन्द्र में भाजपा के पौने तीन वर्ष के कार्यकाल के दौरान दोनों की गलत नीतियों से प्रदेश की 22 करोड़ जनता नाराज है।
मणिपुर की पहली मुस्लिम महिला उम्मीदवार नाजीमा बीबी का कहना है कि उनके चुनाव लड़ने के खिलाफ फतवा जारी होने के बावजूद वह घरेलू हिंसा के खिलाफ अपनी लड़ाई और मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगी।
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह की प्रथा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करके इनका फैसला करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुये एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि एक तरफ जहां मोदी मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए गुजरात में दंगे नहीं रोक पाये थे वहीं दूसरी तरफ मुजफ्फरनगर के दंगों को अखिलेश नही रोक पाये, फिर दोनों में क्या फर्क बचा।
सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि वह मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक, तलाक हलाला और बहुविवाह की परंपरा कानूनी पहलू से जुड़े मुद्दों पर ही विचार करेगा। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वह इस सवाल पर विचार नहीं करेगा कि क्या मुस्लिम पर्सनल ला के तहत तलाक की अदालतों को निगरानी करनी चाहिए क्योंकि यह विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है।