तृणमूल कांग्रेस घूसकांड को लेकर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय नेताओं की चुप्पी के चलते बंगाल के भाजपाई असमंजस में हैं। घूसकांड के मुद्दे को भुनाने के लिए क्या योजना बनाई जाए- इसके लिए वे आलाकमान का मुंह जोह रहे हैं। इस मुद्दे पर न तो अब तक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का कोई बयान आया है और न ही अरुण जेटली, राजनाथ सिंह या फिर कैलाश विजयवर्गीय।
पंद्रह साल पहले। 13 मार्च, 2001 का बहुचर्चित स्टिंग `ऑपरेशन वेस्ट एंड'। सीडी में फर्जी हथियार डीलर बनकर गए एक व्यक्ति से एक लाख रुपए लेते दिखाए गए थे भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण। तब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल थी तृणमूल कांग्रेस और इस पार्टी की सुप्रीमो ममता बनर्जी अटल बिहारी वाजपेयी की तत्कालीन सरकार में रेल मंत्री थीं। उस वक्त ममता बनर्जी ने बंगारू लक्ष्मण और तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के इस्तीफे की मांग उठाई थी। इस्तीफा न होने पर समर्थन वापसी की धमकी दी थी।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के घूसकांड को लेकर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। उधर, बंगाल में विपक्षी कांग्रेस, वाममोर्चा और भाजपा के नेता-कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। नारद न्यूज नाम की एक वेबसाइट ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के 11 शीर्ष नेताओं की सीडी जारी कर इन पर लाखों रुपए घूस लेने का आरोप लगाया। मंत्री, सांसद और विधायक- कुल 11 नेताओं को घूस लेते सीडी में दिखाया गया है।
रवीन्द्र संगीत के शौकीन और किसी वक्त में इसे सीखने वाले मलय घोष को अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि संगीत की यह शिक्षा एक दिन उनके लिए रोजी-रोटी का जरिया बनेगी।
संसद में सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रही कांग्रेस को दबाव में लाने के लिए भाजपा ने भी चौतरफा प्रयास शुरू कर दिया है। इसी प्रयास के तहत भाजपा अब कांग्रेस के राज्य क्षत्रपों की घेराबंदी करने में जुट गई है। ताजा कड़ी में घेरे में आ गए हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत जिनके निजी सचिव शराब के ठेके का लाइसेंस बांटते एक स्टिंग में कैद हो गए हैं। मंगलवार को इस स्टिंग की सीडी को केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया के सामने पेश किया और आरोप लगाया कि खुद रावत इस भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। सीडी के सामने आने के बाद निजी सचिव को पद से हटा दिया गया।