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गोपनीय दस्तावेजः टैक्सी चालकों की भूमिका घेरे में

गोपनीय दस्तावेजः टैक्सी चालकों की भूमिका घेरे में

गोपनीय दस्तावेज लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को कई अहम तथ्यों का पता चला है। सूत्रों के मुताबिक विभिन्न मंत्रालयों के कई अधिकारी सरकारी वाहन की बजाय किराए की टैक्सियों में चलना ज्यादा पसंद करते हैं।
पेट्रोलियम मंत्रालय से हटाए जाएंगे सौ कर्मचारी

पेट्रोलियम मंत्रालय से हटाए जाएंगे सौ कर्मचारी

विभिन्न मंत्रालयों से गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के मामले में पेट्रोलियम मंत्रालय एक और सख्त कदम उठाते ही जल्द ही कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों को मंत्रालय से हटा सकता है। इस मामले में कॉर्पोरेट घरानों के साथ कई गिरोहों की संलिप्तता और उनके उजागर होते कारनामों से सवाल उठने लगा है कि इसके पीछे असली खिलाड़ी कौन है? क्योंकि असल खिलाड़ी को लेकर रहस्य बना हुआ है।
सरकारी नीतियों पर कॉरपोरेट का साया

सरकारी नीतियों पर कॉरपोरेट का साया

यूपीए सरकार के दौरान पत्रकारों और कॉरपोरेट लॉबी की सांठगांठ का खुलासा वाली घटना के बाद एनडीए सरकार में इस तरह की यह पहली घटना है जिसमें बड़ी-बड़ी कंपनियों, पत्रकारों और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है।
किसने और क्यों किया दस्तावेज चोरी

किसने और क्यों किया दस्तावेज चोरी

पेट्रोलियम मंत्रालय के दो कर्मचारियों सहित पांच लोगों को कथित रूप से गोपनीय सरकारी दस्तावेज को कुछ निजी सलाहकारों और उर्जा कंपनियों को लीक करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद से यह सवाल उठने लगा है कि किसने और क्यों यह दस्तावेज चोरी किया है।
उबर कंपनी पर मामला दायर

उबर कंपनी पर मामला दायर

पिछले महीने नई दिल्ली में हुए उबर बलात्कार मामले में 25 वर्षीय पीडि़ता ने टेक्सी सेवा प्रदाता कंपनी के खिलाफ अमेरिका की एक शीर्ष अदालत में मामला किया है।
निजी कंपनी के हवाले

निजी कंपनी के हवाले

विशाखापट्टïनम बंदरगाह को एक बड़े उद्योगपति को देने के लिए सरकार ने हथकंडे अपनाना शुरू कर दिया है।
लीग खेलों से खुला खजाना, निखरे खिलाड़ी

लीग खेलों से खुला खजाना, निखरे खिलाड़ी

ललित मोदी ने लीक से हटकर क्रिकेट से मोटा मुनाफा कमाने की ख्वाहिश में ट्वेंटी-20 लीग टूर्नामेंट की ऐसी तान छेड़ी कि देश के हर खेलों के लीग टूर्नामेंट के लिए क्या हर छोटे-बड़े उद्योगपति, राजनेता और खिलाड़ी बढ़-चढक़र हिस्सा लेने लग गए।
75 हजार करोड़ की कंपनी 15 सौ करोड़ में बेच दी

75 हजार करोड़ की कंपनी 15 सौ करोड़ में बेच दी

यदि किसी कंपनी के कब्जे में 75 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति हो और फिर भी सरकार उस कंपनी को महज 1500 करोड़ रुपये में बेच दे तो इसे क्या कहेंगे? भ्रष्टाचार की इस महागंगोत्री को जन्म दिया था आज से करीब 11 साल पहले देश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने
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