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सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

दूरदर्शन द्वारा संस्कृत-समाचार प्रसारण की अवधि बढ़ाने के निर्णय पर कोई खास आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि संस्कृत मोदी सरकार के एजेंडे में है। इस निर्णय का निहितार्थ भी आसानी से समझ में आने वाला है, इसलिए इस पर सवाल भी उठेंगे ही। इस ऐलान के बाद लोगों के जेहन में सबसे पहला सवाल तो यह है कि संस्कृत में न्यूज बुलेटिनों और समाचार-चर्चा के कार्यक्रमों का दर्शक या श्रोता वर्ग कौन है? दूसरा सवाल यह है कि देश में कितने लोग ऐसे होंगे जो वास्तव में संस्कृत माध्यमों से इन कार्यक्रमों की बाट जोह रहे हैं? ये महज शोशा है या इसकी कोई ठोस जरूरत है?
अब आ गया एम-गवर्नेंस का जमाना

अब आ गया एम-गवर्नेंस का जमाना

इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी और स्मार्ट फोन के इर्द-गिर्द ही सिमट चुकी है पूरी युवा आबादी। इसी आबादी के बीच ई-गवर्नेंस और ई-कॉमर्स ने गहरी पैठ बना ली है। भारत में फिलहाल 63 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल फोन आ गए हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में हर महीने 30 प्रतिशत मोबाइल उपभोक्ता बढ़ते जा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर देखें तो भारत स्मार्टफोन का दूसरा बड़ा बाजार बन गया है। नेटवर्किंग समाधान कंपनी सिस्को का अध्ययन बताता है कि अगले चार साल में यहां 65 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन उपभोक्ता हो जाएंगे।
जयललिता पांचवी बार बनीं तमिलनाडु की मुख्यमंत्री

जयललिता पांचवी बार बनीं तमिलनाडु की मुख्यमंत्री

आय से अधिक संपत्ति के मामले में कर्नाटक हाइकोर्ट से बरी होने के बाद जयललिता ने एक बार फिर तमिलनाडु की कमान संभाल ली है। उन्होंने शनिवार सुबह करीब 11 बजे मद्रास यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है।
कर्नाटक हाईकोर्ट से जयललिता बरी

कर्नाटक हाईकोर्ट से जयललिता बरी

आय से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को कर्नाटक हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया है। फैसला आते ही जयललिता के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और वह जश्न मनाने लगे।
जय‌ललिता को सुप्रीम कोर्ट से झटका

जय‌ललिता को सुप्रीम कोर्ट से झटका

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि जे जयललिता से जुड़े आय से अधिक संपत्ति के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय में पेश होने के लिए भवानी सिंह को विशेष सरकारी वकील के रूप में नियुक्त करने का कोई अधिकार तमिलनाडु सरकार के पास नहीं है।
रवि मामलाः फिर सीबीआई से अनुरोध करेगी कर्नाटक सरकार

रवि मामलाः फिर सीबीआई से अनुरोध करेगी कर्नाटक सरकार

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी डी के रवि की कथित आत्महत्या के मामले में समयबद्ध जांच के कर्नाटक सरकार के अनुरोध को सीबीआई द्वारा नामंजूर कर दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार जांच एजेंसी से एक बार फिर अनुरोध करेगी कि वह मामले की जांच करे।
सीबीआई ने ठुकराई रवि की मौत की जांच

सीबीआई ने ठुकराई रवि की मौत की जांच

सीबीआई ने आईपीएस अफसर डीके रवि की मौत के मामले में राज्य का आग्रह ठुकराते हुए कहा है कि, जांच में राज्य शर्तें नहीं लगा सकती न ही वह जांच की कोई समय सीमा निर्धारित कर सकता है।
रवि की मौत की जांच सीबीआई को

रवि की मौत की जांच सीबीआई को

कर्नाटक सरकार ने आईएएस ऑफिसर डी.के. रवि की मौत का मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य विधानसभा में यह घोषणा की। विपक्षी दल और रवि के परिवार के लोग शुरू से ही मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे जबकि सरकार ऐसा नहीं चाहती थी।
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