किसान आंदोलन और प्रदेश में कर्ज से परेशान किसानों की आत्महत्या पर चारों ओर से खुद को घिरता देख मध्यप्रदेश सरकार ने अपने सुर बदल लिए हैं. अब उसने भी खेती में इतना मुनाफा नहीं है, कहना शुरू कर दिया है।
मध्य प्रदेश में एक ओर जहां कर्ज माफी को लेकर किसान आए दिन खुदकुशी कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर मध्य प्रदेश सरकार में पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव फिल्म की टिकट बेचते नजर आए।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर किसानों ने योग कर अपना विरोध दर्ज कराया। मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में कुछ किसानों ने योगासन के जरिए अपना विरोध प्रदर्शन किया। वहीं बाराबंकी में फैजाबाद हाई-वे के अलावा देश के अन्य इलाकों में भी किसान शवासन कर अपनी नाराजगी जताते नजर आए।
महाराष्ट्र और पंजाब सरकार के बाद कर्नाटक सरकार ने भी किसानों की कर्ज माफी का फैसला लिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की है।
मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन शांत हो चुका गया है, लेकिन किसानों की खुदकुशी का सिलसिला जोर पकड़ रहा है। गत 8 जून से अब तक राज्य में 17 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
पिछले 24 घंटे में, कर्ज में डूबे तीन किसानों ने मौत को गले लगा लिया है। आठ जून से अब तक 15 किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने के साथ खबर है कि अकेले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सिहोर में कर्ज से परेशान पांच किसानों ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली है।