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Search Result : "कुपोषण मुक्त"

पीएम का ऐलान, 3 साल तक स्टार्टअप का मुनाफा टैक्‍स फ्री

पीएम का ऐलान, 3 साल तक स्टार्टअप का मुनाफा टैक्‍स फ्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया उद्यम शुरू करने वाले स्टार्टअप कारोबारियों के लिए आज कई अहम घोषणाएं की। शनिवार को स्टार्टअप उद्यमियों के पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम ने स्टार्टअप को तीन साल की आयकर छूट के साथ ही उद्यम पूंजी निवेश पर पूंजीगत लाभकर से छूट, इंस्पेक्टर राज मुक्त परिवेश के अलावा वित्तपोषण के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने सहित कई तरह के प्रोत्साहन देने की घोषणा की।
स्वास्थ्य सेवाओं को जीएसटी से मुक्त करेंः नैटहेल्थ

स्वास्थ्य सेवाओं को जीएसटी से मुक्त करेंः नैटहेल्थ

यूनिवर्सल हेल्थकेयर कवरेज के लक्ष्य को हासिल करने के मद्देनजर नैटहेल्थ (हेल्थकेयर फेडरेशन आॅफ इंडिया), देश की शीर्ष स्वास्थ्यरक्षा निकाय, ने स्वास्थ्यरक्षा सेवाओं को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के दायरे से बाहर करने के लिए सरकार के समक्ष पूर्व-बजट सिफारिशों को पेश किया है।
मां-बहन की गालियों से मुक्त भारत की मुहिम

मां-बहन की गालियों से मुक्त भारत की मुहिम

54 वर्षीय सहर नीलोफर पिछले एक साल से रोजाना अपने घर द्वारका से जंतर-मंतर आती हैं। अपना बैनर लगाती हैं और शाम को घर लौट जाती हैं। यहां बैठकर वह प्रधानमंत्री से लेकर अलग-अलग असरदार लोगों को पत्र लिखती हैं। योजना बनाती हैं कि किस प्रकार गालीमुक्त भारत बनाया जा सके। रवानगी में अंग्रेजी भाषा में बात करते हुए नीलोफर कहती हैं ‘ समाज से मां,बहन और बेटी को संबोधित करती गालियां बंद हों।‘ यह महिला इस मुद्दे पर सिंगल वूमन ब्रिगेड की तरह काम कर रही है।
कुपोषण से मुक्ति एक सपना बन गया है

कुपोषण से मुक्ति एक सपना बन गया है

कुपोषण एक ऐसी बीमारी जो कि बच्चों के विकास में बाधक ही नहीं बल्कि समाज के लिए चिंता का विषय है। कुपोषण से मुक्ति की सरकार लाख कोशिशें कर ले लेकिन इससे मुक्ति एक सपना बन गया है। राष्ट्रीय प्रतिष्ठान और सेव द चिल्ड्रेन के लिए किए जा रहे शोध के दौरान पाया गया कि सरकारी आंकड़े कुपोषण को लेकर कुछ और स्थिति बताते हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और होती है।
कुपोषण से लुप्त हो रहे कमार आदिवासी

कुपोषण से लुप्त हो रहे कमार आदिवासी

‘ एक आदमी के लिए सात किलो चावल और दो किलो चना, क्या इससे गरीबी दूर होती है?’ कोंडागांव के नगरी संभाग के गांव उमर का सुखदेव यह सवाल करते हुए रुआंसा हो जाता है। उसकी पत्नी और तीन बच्चे खेत में मजदूरी करने गए हैं। सौ रुपये दिहाड़ी मिलती है और जंगल से मिलने वाली साग-भाजी तो अब पहले जैसी नहीं रही। सुखदेव का कहना है कि वह अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है। लेकिन सरकार ने सिर्फ साइकिल देकर अपनी जिम्मेदारी खत्म कर दी। उसकी छोटी बेटी नौवीं कक्षा में दो बार फेल हो गई थी तो स्कूल वालों ने तीसरी बार एडमिशन देने से इनकार कर दिया।
दूध से भी दूर नहीं होगी कुपोषण की समस्या

दूध से भी दूर नहीं होगी कुपोषण की समस्या

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक फरमान जारी किया कि मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ बच्चों को दूध दिया जाए ताकि कुपोषण दूर कर सेहतमंद बनाया जा सके। लेकिन हफ्ते में एक दिन दूध देने से क्या कुपोषण की समस्या दूर हो पाएगी इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि हफ्ते में एक दिन दूध वह भी कई स्कूलों में नहीं मिल रहा है तो कई जगह खराब मिल रहा है।
कांग्रेस ने मोदी मॉडल के दावों की खोली पोल

कांग्रेस ने मोदी मॉडल के दावों की खोली पोल

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन दावों की पोल खोली है जिसमें उन्होने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात के विकास मॉडल को सर्वेश्रेष्ठ बताया था। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने एक सरकारी सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि स्वास्‍थ्य के मामले में किस तरह से गुजरात पिछड़ा हुआ है इसकी चर्चा कभी नहीं हुई। रमेश ने कहा कि मोदी मॉडल के जिस गुजरात को लेकर पूरी दुनिया में ढिढोंरा पीटा गया उसका असली सच क्या है।
किसकी साड़ी किसके काम आई

किसकी साड़ी किसके काम आई

साड़ी हर स्त्री की प्रिय वस्तु में से एक है। शायद ही ऐसी कोई महिला हो जिसे साड़ी से प्रेम न हो। अब यही साड़ी कुछ महिलाओं का जीवन भी संवार रही है। अमेरिका की एक डिजाइनर ने पुरानी जरी की साड़ी से पश्चिम बंगाल और बिहार की सेक्स वर्कर के जीवन में जरी की चमक भर दी है।
अब सेहत की जानकारी फोन पर

अब सेहत की जानकारी फोन पर

इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (आईएपी) ने हेल्थफोन के साथ मिलकर आईएपी प्रोग्राम को औपचारिक रूप से लॉन्च किया। दुनिया का यह सबसे बड़ा डिजिटल व्यापक शिक्षा कार्यक्रम आईएपी हेल्थफोन प्रोग्राम भारत में राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की चुनौती का मुकाबला करेगा। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि यह नेटवर्क कुपोषण को कम करने में भारी मददगार होगा।
धांधली के चलते राष्‍ट्रीय इस्‍पात को 156 करोड़ का नुकसान: कैग

धांधली के चलते राष्‍ट्रीय इस्‍पात को 156 करोड़ का नुकसान: कैग

कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा, सीवीसी दिशानिर्देशों के उलट ठेकेदारों को ब्याज-मुक्त संग्रहण अग्रिम का भुगतान किए जाने से उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाया गया और कंपनी को 156.02 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
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