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Search Result : "कूटनीति"

आतंकी चक्रव्यूह में ‘सिंह’ की दहाड़

आतंकी चक्रव्यूह में ‘सिंह’ की दहाड़

पाकिस्तान की ऐसी दशा और आतंकी छवि कभी नहीं थी। 1965 और 1971 के युद्ध के बाद भी भारत-पाकिस्तान की वार्ताओं में कूटनीतिक शिष्टाचार एवं सम्मान प्रदर्शित होता था। अयूब खान, जिया उल हक और जनरल मुशर्रफ के सत्ताकाल में भी दिल्ली, इस्लामाबाद, लाहौर या आगरा में दोनों देशों के नेताओं के साथ कूटनीतिक गरिमा की रक्षा होती रही।
एनएसजी सदस्यता: पाकिस्तान ने खुद को भारत से ज्यादा मजबूत दावेदार बताया

एनएसजी सदस्यता: पाकिस्तान ने खुद को भारत से ज्यादा मजबूत दावेदार बताया

पाकिस्तान ने दावा किया कि अगर परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले राष्ट्रों को सदस्यता देने के लिए समान पात्रता पर सहमति बनती है तो उसकी विश्वसनीयता भारत से ज्यादा मजबूत है।
मध्‍यप्रदेश कांग्रेस में भोज कूटनीति, आखिर तन्‍खा को पहुंचाना है राज्‍यसभा

मध्‍यप्रदेश कांग्रेस में भोज कूटनीति, आखिर तन्‍खा को पहुंचाना है राज्‍यसभा

मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिये कांग्रेस के उम्मीदवार विवेक तन्खा की जीत सुनिश्चत करने हेतु प्रदेश की राजधानी में कांग्रेस विधायकों से सीधे संपर्क करने के साथ ही भोज कूटनीति भी पूरे जोरों पर चल रही है। राज्यसभा चुनाव का मतदान यहां शनिवार को विधानसभा भवन में होगा।
चीन को रोककर नहीं पूरा हो सकता भारत का सपना: चीनी मीडिया

चीन को रोककर नहीं पूरा हो सकता भारत का सपना: चीनी मीडिया

भारत और अमेरिका के संबंधों के अभूतपूर्व स्तर तक पहुंचने का हवाला देते हुए चीन के एक सरकारी अखबार ने बुधवार को कहा कि भारत चीन को रोककर या एक पक्ष को दूसरे के खिलाफ खड़ा करके नहीं उभर सकता है।
चर्चाः अमेरिकी बिजनेस में हिस्सेदारी। आलोक मेहता

चर्चाः अमेरिकी बिजनेस में हिस्सेदारी। आलोक मेहता

वह जमाना गया, जब वचन देने वाले राजा-महाराजा बिना लिखा-पढ़ी हुए वायदा पूरा करने के लिए अपनी जान तक गंवाने को तैयार रहते थे। अब महाशक्तियां कू‌टनीतिक मित्रता ‘बिजनेस’ के लिए करती दिखती हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के हाथ-गले मिलने और मीठी बातों से अभिभूत होने की गलती न की जाए।
ईरान में आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरेंगे मोदी

ईरान में आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरेंगे मोदी

ईरान जाकर आतंकवाद और कूटनीति के मोर्चे पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की योजना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की। ईरान के रास्ते अफगानिस्तान तक सीधे पैठ की योजना है। इस यात्रा में कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान और चीन को जवाब भी देने की तैयारी है। दूसरा महत्व ईरान के शिया मुस्लिम बहुल आबादी वाले देश होने के चलते है। दुनिया में ईरान के बाद सबसे ज्यादा शिया आबादी भारत में रहती है। माना जा रहा है कि मोदी के ईरान दौरे से देश में खासकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पकड़ की दृष्टि से शिया आबादी को सकारात्मक संदेश भी दिए जाने की तैयारी है।
मोदी इंटरनेट स्टारः टाइम पत्रिका

मोदी इंटरनेट स्टारः टाइम पत्रिका

कूटनीति के लिए सोशल मीडिया का सफल इस्तेमाल करने वाले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंटरनेट का स्टार बताते हुए अमेरिकी पत्रिका टाइम ने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री इंटरनेट पर सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल हैं।
पाक से वार्ता पठानकोट हमले में उसकी कार्रवाई पर निर्भर: भारत

पाक से वार्ता पठानकोट हमले में उसकी कार्रवाई पर निर्भर: भारत

कूटनीतिक संबंधों की गेंद पाकिस्तान के पाले में डालते हुए भारत ने आज पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश दिया। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की बातचीत, पठानकोट आतंकी हमले में इस्लामाबाद की त्वरित एवं निर्णायक कार्रवाई पर निर्भर करेगी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस हमले को लेकर भारत की तरफ से पड़ोसी देश को पर्याप्त खुफिया जानकारी प्रदान की गई है।
खरना कूटनीति में दिखा लालू का दम

खरना कूटनीति में दिखा लालू का दम

बिहार में चुनाव नतीजे आने के बाद भले ही नीतीश कुमार बिहार का मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रहे हों मगर राज्य के नेताओं और नौकरशाहों को पता है कि सत्ता का केंद्र कहां रहने वाला है। तभी तो छठ पर्व के खरना वाले दिन पटना में लाल और नीली-पीली बत्ती लगी गाड़ियों की सबसे लंबी कतार लालू प्रसाद के निवास के बाहर दिखाई दे रही थी।
मंगोलिया में मोदी कूटनीति की घुड़-परीक्षा

मंगोलिया में मोदी कूटनीति की घुड़-परीक्षा

क्या बिना मीट परोसे आप किसी को सिर्फ मीट मसाला खिला सकते हैं? कूटनीतिक और राजनयिक समाचार कथाओं के संदर्भ में भारतीय मीडिया अक्सर यही करता है। वह मसाला चखाने के चक्कर में मीट परोसना भूल जाता है। विदेश नीति और राजनय से संबंधित घटनाक्रम अक्सर आम जनजीवन से इतने दूर और ओट में होते हैं कि आम दर्शक अमूमन मसाले को ही मीट समझने की भूल कर बैठता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा की राजनयिक कथा में मंगोलिया दौरे की उपकथा की अहमियत भारतीय मीडिया की नजरों से ओझल रही और यह अहम उपकथा आम भारतीय दर्शक या पाठक की प्लेट में परोसी ही नहीं गई।
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