मंत्री और नेताओं की बेतुकी बयानबाजी ने भाजपा व मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बाद अब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी नेताओं को सोच-समझकर बोलने की नसीहत दी है।
बीफ को लेकर छिड़ी बहस के बीच केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र का कथित बयान सामने आया है कि बीफ खाना है तो अगर खूब खाओ लेकिन इसका प्रचार मत करो। जो यह पसंद नहीं करते उन्हें उस बारे में क्यों बताया जाए?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मिस्र के बीच समुद्री परिवहन से संबंधित एक करार पर हस्ताक्षर किए जाने को लेकर मंजूरी दे दी है। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने भारत और मालदीव के बीच मामलों में आपसी कानूनी सहयोग संधि पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी है।
कांग्रेस ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 23 जनवरी का दिन तय किए जाने की आलोचना करते हुए सरकार से मांग की है कि फाइलों को तत्काल सार्वजनिक किया जाए।
प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी जी सी मुर्मू को केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय का निदेशक बनाए जाने के किसी भी प्रयास का विरोध शुरू हो गया है।
उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र और सेबी तथा आरबीआई जैसी संस्थाओं को भरोसा दिया कि आधार कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ पीडीएस और एलपीजी योजनाओं तक सीमित करने के पूर्व के आदेश में संशोधन के लिए वृहद पीठ गठित करने की मांग करती याचिका पर कल शाम तक फैसला किया जाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो को बताया है कि हिंडाल्को को तालाबीरा 2 कोल ब्लाक के आवंटन में न तो उन्होंने किसी को प्रभावित करने का प्रयास किया और न ही इसमें बेवजह कोई जल्दबाजी की गयी।
गौहत्या और गौमांस रखने की अफवाह पर उत्तर प्रदेश में दादरी में 50 वर्षीय अखलाक की पीट-पीटकर निर्मम हत्या को देश के संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने दुर्घटना करार दिया है। शर्मा ने कहा, उन्हें लगता है यह घटना किसी गलतफहमी की वजह से हुई और इसे सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानून को निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए।
सभी केंद्रीय सरकारी विभागों से कहा गया है कि वे अपने सभी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति से पांच साल पहले ही सभी प्रक्रियाओं की जांच पूरी कर ली जाए ताकि पेंशन मामले में उन्हें किसी तरह की देरी का सामना न करना पड़े।