केंद्रीय प्रत्यक्ष कर विभाग (सीबीडीटी) पूर्व केंद्रीय मंत्री परनीत कौर के एचएसबीसी खाते का ताल्लुक लंदन और दुबई में उनके न्यासों और संपत्तियों से जोड़कर देखने की कोशिश कर रहा है। हालांकि कौर और उनके परिजनों के इनकार के बावजूद आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे उनके जिनेवा स्थित एचएसबीसी बैंक खाते और उनके न्यासों तथा कंपनियों का आपस में ताल्लुक है या नहीं, इसकी जांच कर रहे हैं। इस खाते के साथ लंदन और दुबई में उनकी संपत्तियों के तार खंगालने की भी कोशिश की जा रही है।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि केरल के विझिन्जम में 7,000 करोड़ रुपये की अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना अडाणी समूह को आवंटित करने को लेकर राजनीतिक विवाद नहीं सुलझ पाता है, तो यह परियोजना तमिलनाडु को दे दी जाएगी।
वरिष्ठतम सूचना आयुक्त विजय शर्मा को नया मुख्य सूचना आयुक्त और पूर्व सीबीडीटी प्रमुख केवी चौधरी को नया केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त नियुक्त किए जाने की संभावना है। सरकार और विपक्ष आज मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के नामों पर राजी हो गए। ये पद पिछले नौ महीने से भी ज्यादा समय से रिक्त पड़े हैं। जिसे लेकर सरकार की खूब आलोचना हो रही थी।
विकास के तमाम दावों और चकाचौंध के बीच खेती और किसानी चर्चा के पाएदान पर ही रहती है। केंद्र सरकार के एक साल पूरे होने पर जहां तमाम दूसरे क्षेत्रों की सघन पड़ताल हो रही है, वहीं कृषि पर तवज्जो कम रही। वह भी तब जब पिछले तीन-चार महीने से मौसम की मार की वजह से फसल बर्बाद होने और किसानों की आत्महत्या ने देश का ध्यान बरबस ही गहराते कृषि संकट की ओर खींचा था। नरेंद्र मोदी सरकार को एक साल में किसानों की आत्महत्या, मुआवजा, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर विपक्षी दलों ने घेरने की लगातार कोशिश की और इसी पर केंद्र सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। इन तमाम ज्वलंत सवालों और संकट से बाहर निकलने की सरकार की रणनीति पर बिहार के मोतिहारी से पांच बार से सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश
दिल्ली में 77 साल का एक बुजुर्ग 37 साल ली गई जमीन के मुआवजे के लिए भटक रहा है। मुआवजा तो दूर उसे इसकी जानकारी हासिल करने के लिए भी केंद्रीय सूचना आयोग से गुहार लगानी पड़ी।
वर्ष 2014-15 की आखिरी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी की विकास दर बढ़कर 7.5 फीसदी तक पहुंच गई है जबकि पूरे वित्त वर्ष के दौरान विकास दर 7.3 फीसदी रही है। जबकि इससे पहले साल संशोधित विकास दर 6.9 फीसदी रही थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर आए खर्च से जुड़ी जानकारी उजागर नहीं किए जाने के बावजूद केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा गठित समिति ने सभी मंत्रालयों को इस तरह की जानकारियां उजागर करने और सक्रिय रुप से अपडेट करने निर्देश दिए हैं।