तुगलकाबाद के कंटेनर डिपो में रखे एक कंटेनर से गैस लीक होने से दो स्कूलों के 310 से ज्यादा बच्चों की तबीयत खराब हो गई। बच्चों के साथ साथ 9 स्कूल टीचर्स को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिस कंटेनर से गैस लीक हुई थी उसमें उपयोग होने वाले कैमिकल का नाम सामने आ गया है।
तुगलकाबाद कंटेनर डिपो में बायोकेमिकल के रिसाव ने एक बार फिर सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, जिस कंटेनर में यह हादसा हुआ, उस पर खतरनाक कैमिकल का लेबल भी चस्पा नहीं किया गया था। यह रिसाव ज्यादा होता तो भोपाल गैस कांड जैसा हादसा हो सकता था। इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है, यह बड़ा सवाल है।
मैगी के बाद अब दूसरे लोकप्रिय खाद़य उत्पाद ब्रेड को खतरनाक बताया जा रहा है। खोजकर्ताओं के अनुसार इसको बनाने में इस्तेमाल किये जाने वाले कैमिकल की वजह से कैंसर की बीमारी हो सकती है। दिल्ली के सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वॉयरमेंट ने यह खुलासा किया है।
भोपाल गैस हादसे मामले में अमेरिकी कैमिकल कंपनी डाउ लगातार अदालत द्वारा जारी किए गए समन की अवहेलना कर रही है। यह लगातार तीसरी बार है जब भोपाल जिला अदालत में पेशी के लिए जारी किए गए समन की अनदेखी कर कंपनी अदालत में पेश नहीं हुई।
पिछले सप्ताह पेरिस में हुए आतंकी हमले के बाद फ्रांस के प्रधानमंत्री मैनुएल वॉल्स ने कैमिकल और बायोलॉजिकल हमले के खतरे से आगाह किया है। फ्रांस में आपातकाल की अवधि बढ़ाने के मुद्दे पर देश के संसद में जारी बहस के दौरान वाल्स ने यह आशंका जताई।