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Search Result : "कॉरपोरेट अस्पताल"

भाजपा को 92 फीसदी चंदा कॉरपोरेट से

भाजपा को 92 फीसदी चंदा कॉरपोरेट से

वर्ष 2012-13 और 2013-14 में भले ही भारतीय जनता पार्टी देश की सत्ता में नहीं थी मगर चंदा जुटाने के मामले में उसने तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को मीलों पीछे छोड़ दिया था।
आर्थिक जासूसी: गठजोड़ की गांठ खुले तो मानें

आर्थिक जासूसी: गठजोड़ की गांठ खुले तो मानें

सरकारी गलियारों में दूर तक पसरे हुए कॉर्पोरेट जगत के पंजे सार्वजनिक नीतियों को अपने स्वार्थ के लिए कैसे मोड़ते हैं, इसका पर्दाफाश नीरा राडिया टेप कांड ने कुछ वर्ष पहले किया था। सत्ता के गलियारों में वैसी ही कॉर्पोरेट घुसपैठ पर से वैसा ही पर्दा अब मंत्रालय जासूसी कांड उठा रहा है। प्याज के छिलकों की तरह इसकी परतें प्रतिदिन और खुलती जा रही हैं। लेकिन सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि इन परतों के नीचे छोटी-छोटी कठपुतलियां नचाने वाले बड़े-बड़े असली चेहरे सामने आते हैं या नहीं। और सामने आ भी जाएं तो उनके किए की कानूनी जवाबदेही ठहराई जाती है या नहीं।
कॉरपोरेट जासूसी कांड- और होंगी गिरफ्तारियां

कॉरपोरेट जासूसी कांड- और होंगी गिरफ्तारियां

सनसनीखेज कॉरपारेट जासूसी कांड में १२ गिरफ्तारियों के बाद पुलिस को भरोसा है कि अभी और लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आउटलुक को बताया कि मामले की तह तक जाने के लिए और लोगों को‌ गिरफ्तार किया जा सकता है या फिर पूछताछ की जा सकती है।
कॉरपोरेट हवस से कैसे बचे लोकतंत्र?

कॉरपोरेट हवस से कैसे बचे लोकतंत्र?

कॉरपोरेट लॉबींग और सरकारी नीतियों को अपने पक्ष में मोड़ने का एक और बड़ा मामला सामने आया है। साल 2010 में कॉरपोरेट लॉबीस्ट नीरा राडिया के टेप के बाहर आने पर कॉरपोरेट, मीडिया, नौकरशाही और राजनीति के गठजोड़ से बड़े पैमाने पर पर पर्दा हटते दिखा था। उसी तरह पेट्रोलियम मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज़ों को हासिल करने में बड़े कॉरपोरेट समूहों ने किस तरह के हथकंडे अपनाये यह अब सामने आ चुका है।
सरकारी नीतियों पर कॉरपोरेट का साया

सरकारी नीतियों पर कॉरपोरेट का साया

यूपीए सरकार के दौरान पत्रकारों और कॉरपोरेट लॉबी की सांठगांठ का खुलासा वाली घटना के बाद एनडीए सरकार में इस तरह की यह पहली घटना है जिसमें बड़ी-बड़ी कंपनियों, पत्रकारों और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है।
सबै भूमि कॉरपोरेट की

सबै भूमि कॉरपोरेट की

जमीन पर गड़ी कॉरपोरेट नजर को झंडी केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश से किसानों से जमीन देने से इनकार करने का हक छिनेगा तो वहीं आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के लिए एक लाख एकड़ जमीन लेने से किसानों में छिड़ा आक्रोश
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