Advertisement

Search Result : "कोल ब्लॉक"

एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), यानी भारत के गरीब और आम बीमार आदमी का मक्का-मदीना। देश भर के गरीबों के लिए बड़ी से बड़ी बीमारियों से लड़ने का आखिरी मुकाम। अक्सर यह बड़े नेताओं के इलाज करवाने की वजह से भी चर्चा में रहता है। एक बार फिर इसका चरित्र बदलने की कवायद चल रही है। एक बार फिर इसे रईसों, सुविधा संपन्न बीमारों के लिए चमचमाने की कोशिश हो रही है। यह पूछने की जरूरत नहीं है कि ऐसा आम मरीजों के इलाज और विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए आने वाले पैसे से ही करने की तैयारी है।
कोल घोटाला: आरएसपीएल, तीन अधिकारियों पर आरोप तय

कोल घोटाला: आरएसपीएल, तीन अधिकारियों पर आरोप तय

एक विशेष अदालत ने मंगलवार को कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में दिल्ली स्थित कंपनी राठी स्टील एंड पावर लिमिटेड (आरएसपीएल) एवं इसके तीन शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए।
छह कारणों से नेताजी की फाइलें नहीं खोल रही भाजपा सरकार

छह कारणों से नेताजी की फाइलें नहीं खोल रही भाजपा सरकार

5 मई को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने आधिकारिक तौर पर माना कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परिवार के सदस्यों की 20 सालों तक कथित जासूसी की जांच वह नहीं करवाने जा रही है। गृहराज्यमंत्री हरिभाई पारथी भाई चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में यह भी माना कि नेताजी से संबंधित और कोई दस्तावेज सरकार सार्वजनिक नहीं करेगी।
आरोपों को खारिज किया ग्रीनपीस ने

आरोपों को खारिज किया ग्रीनपीस ने

दुनिया के बड़े स्वयंसेवी संगठनों में शामिल ग्रीनपीस के भारतीय अंग ग्रीनपीस इंडिया ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। संगठन ने मध्य प्रदेश के महान कोल ब्लॉक इलाके में चैनल 4 द्वारा बनाए गए वृत्तचित्र का खर्चा उठाने के आरोप से इनकार किया है।
सरकार के फैसले को जिंदल पॉवर ने दी चुनौती

सरकार के फैसले को जिंदल पॉवर ने दी चुनौती

जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड ने केंद्र के उस फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जिसके तहत उसके द्वारा नीलामी में जीती गई दो कोयला ब्लॉकों की नीलामी को रद्द करने का फैसला किया गया है।
प्रिया पिल्लई की जीत के मायने

प्रिया पिल्लई की जीत के मायने

लोकतंत्र में आप असहमति की आवाज को दबा नहीं सकते। विकास की नीतियों के बारे में नागरिक अपना अलग-अलग मत रख सकते हैं। यह कहना है दिल्ली हाई कोर्ट का। ग्रीनपीस की प्रिया पिल्लई मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह बात कही। कोर्ट ने प्रिया के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर को भी वापस लेने को कहा है। साथ ही यह भी आदेश दिया है कि उनके पासपोर्ट पर लिखा गया ऑफलोड शब्द मिटा दिया जाए और किसी भी इंटैलिजेंस डेटाबेस में उनका नाम न रखा जाए।
Advertisement
Advertisement
Advertisement