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Search Result : "क्यों होती है लड़ाई"

अगर आजम खान की बेटी होती तो क्या वे ऐसा बयान देते : पीड़ित परिजन

अगर आजम खान की बेटी होती तो क्या वे ऐसा बयान देते : पीड़ित परिजन

यूपी सरकार में शहरी विकास मंत्री आजम खान बुलंदशहर गैंगरेप पर बयान देकर विवादों में आ गए हैं। आजम खान ने इस बलात्‍कार की घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया है। जिसके बाद आजम पर निशाना साधा जा रहा है। पीड़ित परिवार ने भी आजम के इस बयान को हताश करने वाला बताया है।
क्यों अमेरिका में मुद्दा बन रहा है भारत

क्यों अमेरिका में मुद्दा बन रहा है भारत

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में भारत भी एक मुद्दा बनता दिख रहा है। दरअसल डेमोक्रेटिक पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन के 11 वर्ष पुराने एक भाषण को लेकर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के खेमे ने उन्हें आउटसोर्सिंग और भारत समर्थक करार दिया है और इस बारे में एक विज्ञापन टीवी पर चलवाना शुरू किया है।
हमलों से पहले जांच-कार्रवाई क्यों नहीं? आलोक मेहता

हमलों से पहले जांच-कार्रवाई क्यों नहीं? आलोक मेहता

महाराष्ट्र सरकार ने विवादास्पद उपदेशक जाकिर नाइक के आतंकवाद समर्थक भाषणों की जांच के आदेश दिए हैं। आरोप यह है कि पिछले दिनों बांग्लादेश में हुए घृणित आतंकवादी हमले में शामिल एक आतंकवादी जाकिर नाइक से ‘प्रेरित’ होकर ऐसी गतिविधि में शामिल हुआ।
फाइनेंस से हटाकर एविएशन में क्यों भेजा गया जयंत सिन्हा को

फाइनेंस से हटाकर एविएशन में क्यों भेजा गया जयंत सिन्हा को

कभी अति सक्रियता और कभी संयम खोकर लक्ष्मण रेखा पार कर जाना। स्मृति ईरानी की तरह इसी कारण संघ की नाराजगी के चलते जयंत सिन्हा का भी विभाग बदला। उनके मामले में एक अतिरिक्त तथ्य यह भी रहा कि उन्होंने कॉरपोरेट घरानों की लॉबी को नाराज कर रखा था। उन्हें अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण मंत्रालय नागर विमानन मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाकर भेजा गया। हालांकि, स्मृति ईरानी के मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कपड़ा मंत्रालय में बदली की चर्चा के बीच जयंत सिन्हा का विभाग बदले जाने की बात दब गई।
मंत्रिमंडल विस्‍तार पर मीडिया बोला : पहले होती थी लॉबिंग, अाजकल हो रहा नामिनेशन

मंत्रिमंडल विस्‍तार पर मीडिया बोला : पहले होती थी लॉबिंग, अाजकल हो रहा नामिनेशन

मंगलवार को नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट का विस्तार किया। यह विस्‍तार और बदलाव पूरी तरह पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने किया है। पार्टी के अन्‍य सूत्रों का इसमें ज्‍यादा दखल और हस्‍तक्षेप नहीं हुआ। इस मंत्रिमंडल को नरेंद्र मोदी और अमित शाह का स्टैंप कहा जा सकता है ।
आखिर संजय जोशी के यहां क्यों लगता है भाजपा नेताओं का दरबार

आखिर संजय जोशी के यहां क्यों लगता है भाजपा नेताओं का दरबार

संजय जोशी भाजपा में किसी बड़े पद पर नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से संजय जोशी का छत्तीस का आंकड़ा है। लेकिन इन सबके बावजूद संजय जोशी के यहां भाजपा नेताओं का दरबार लगता है।
श्री श्री रविशंकर ने पौने पांच करोड़ जुर्माना दिया, कहा लड़ाई जारी रखेंगे

श्री श्री रविशंकर ने पौने पांच करोड़ जुर्माना दिया, कहा लड़ाई जारी रखेंगे

यमुना किनारे आयोजित विश्व संस्कृति महोत्सव से पर्यावरण को हुए नुकसान के मद्देनजर पांच करोड़ का जुर्माना आर्ट ऑफ लिविंग पर लगाया गया था। इस जुर्माने को श्री श्री रविशंकर ने पूरी तरह चुका दिया है। एनजीटी ने आर्ट आफ लिविंग पर 5 करोड़ का हर्जाना लगाया था। इसमें से 25 लाख की रकम आर्ट आफ लिविंग ने 11 मार्च को कार्यक्रम से ठीक पहले अदा की थी। बाकी का जुर्माना पौने पांच करोड़ डीडीए को दे दिया गया है।
जानिए, जवाहर बाग जाने से क्यों रोकी गईं मथुरा की सांसद हेमा मालिनी

जानिए, जवाहर बाग जाने से क्यों रोकी गईं मथुरा की सांसद हेमा मालिनी

उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में पुलिस एवं अतिक्रमणकारियों की झड़प वाले जवाहर बाग में स्थिति का जायजा लेने के इरादे से शनिवार सुबह यहां पहुंची सांसद हेमामालिनी को पुलिस ने प्रवेश करने से रोक दिया।
जाट हिंसा: हरियाणा में जितनी सेना तैनात थी उससे पाक से लड़ाई हो सकती थी

जाट हिंसा: हरियाणा में जितनी सेना तैनात थी उससे पाक से लड़ाई हो सकती थी

हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर गठित की गई कमेटी के अध्‍यक्ष बीएसएफ के पूर्व डायरेक्‍टर जनरल प्रकाश सिंह ने अपनी रिपोर्ट में दंगा रोकने में नाकाम राज्‍य प्रशासन के करीब 80 अधिकारियों का नाम शामिल किया है। इनमें पांच आईएएस तथा पांच आईपीएस अधिकारी भी हैं। सेना की मौजूदगी को गंभीरता से लेते हुए कमेटी ने कहा कि पाकिस्‍तान के साथ एक छोटे युद़ध में जितनी सेना लगार्इ्र जा सकती है, उतने जवान हरियाणा में उतार दिए गए थे।
चर्चाः सर्जरी के लिए क्यों कांप रहे हाथ | आलोक मेहता

चर्चाः सर्जरी के लिए क्यों कांप रहे हाथ | आलोक मेहता

डॉक्टर नाजुक हालत में पहुंचे मरीज की सर्जरी के लिए कितने सप्ताह, महीने या वर्ष की प्रतीक्षा करवा सकते हैं? सरकारी मेडिकल संस्‍थान में डॉक्टरों और संसाधनों की कमी के कारण कुछ रोगों के आपरेशन के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।