लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने कहा कि ब्राजील की विसेंटे लोहाइनी ने उसे पहले दौर में चौंका दिया और बड़े टूर्नामेंटों में पहला दौर हमेशा कठिन होता है। साइना ने जीत के बाद कहा , पहला दौर हमेशा कठिन होता है। मैं आज हैरान रह गई।
विश्व के 11 वें नंबर के खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत ने रियो ओलंपिक के पुरूष एकल बैडमिंटन के अपने पहले मैच के दूसरे गेम में मैक्सिको के लिनो मुनोज से मिली कड़ी चुनौती से उबरते हुए सीधे गेम में मैच जीत लिया।
तरणताल के जादूगर माइकल फेल्प्स ने एक बार फिर अपने फन का लोहा मनवाते हुए रियो ओलंपिक में 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले खिताब जीत लिया जिससे खेलों के महासमर में उनके पीले तमगों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है और वह एक ही व्यक्तिगत स्पर्धा में लगातार चार ओलंपिक में खिताब जीतने वाले तीसरे खिलाड़ी बन गए।
आेलंपिक में 100 मीटर की दौड़ में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली धाविका दुती चंद दुती चंद ने कहा है कि उन्हें विमान के इकोनोमी क्लास में रियो तक की यात्रा के दौरान काफी परेशानी हुई।
सेरेना विलियम्स का पांचवां ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का सपना यूक्रेन की एलिना स्वितोलिना ने तोड़ दिया। सेरेना की हार से रियो ओलंपिक में महिला टेनिस खिताब के लिये अब खुला मुकाबला हो गया है। शीर्ष वरीयता प्राप्त और गत चैम्पियन सेरेना कंधे की चोट के कारण जूझती नजर आई। उसे 13 साल जूनियर खिलाड़ी ने 6 -4, 6-3 से हराया।
पहली बार ओलंपिक खेलों में भाग ले रही जिम्नास्ट दीपा करमाकर ने व्यक्तिगत वॉल्ट फाइनल में जगह बनाकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा। आठवें स्थान पर रहकर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली दीपा यह कारनामा करने वाली पहली भारतीय हैं।
पुरूष हॉकी टीम और सेना के रोवर दत्तू बबन भोकनलाल को छोड़कर भारत के लिए रियो ओलंपिक का पहला दिन निराशाजनक रहा। पुरूष हॉकी टीम ने जहां ओलंपिक में पहला लीग मैच नहीं जीत पाने का 12 साल पुराना कलंक धो दिया वहीं भोकनलाल पुरूषों के एकल स्क्रल में अपनी हीट में तीसरे स्थान पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए। इन दोनों को छोड़कर भारतीय दल को निशानेबाजी, टेनिस, टेबल टेनिस और भारोत्तोलन में निराशा ही हाथ लगी।
तीरंदाज दीपिका कुमारी ने रियो ओलंपिक खेलों की तीरंदाजी की महिला टीम स्पर्धा में लचर प्रदर्शन पर हैरानी जतायी जिसमें भारतीय टीम क्वालीफाईंग में सातवें स्थान पर रही। दीपिका 720 में से 640 अंक ही जुटा पायी जिससे वह 20वें स्थान पर रही जबकि अनुभवी बोम्बायला देवी लेशराम 638 अंक के साथ 24वें और लक्ष्मीरानी माझी 614 अंक लेकर 43वें स्थान पर रही।
जिमनास्टिक में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर इतिहास का पहला अध्याय लिख चुकी दीपा कर्मकार रविवार को जब रियो खेलों में उतरेंगी तो उनकी निगाहें नयी ऊंचाई छूने पर लगी होंगी। इस स्पर्धा के लिए क्वालीफाई करने वाली दीपा पहली भारतीय महिला हैं।