आम आदमी पार्टी से निष्कासित नेता योगेंद्र यादव ने बुधवार को कहा कि उन्हें पार्टी से निकाले जाने के संबंध में कोई आधिकारिक संदेश नहीं मिला है और वह अब भी खुद को आंदोलन का हिस्सा मानते हैं।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक नायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस 48 वर्ष के थे जब कहते हैं कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान में एक जापानी युद्धक विमान की दुर्घटना में उनकी मौत हो गई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि मुख्य सूचना आयुक्त और केन्द्रीय सूचना आयोग में तीन अन्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया को तेज किया जाए और इसकी प्रगति के बारे में 11 मई तक सूचित किया जाए क्योंकि इन रिक्तियों के कारण मामलों का बड़ा अंबार लग गया है।
उत्तराखंड के सूचना आयुक्त ने 2010 में हरिद्वार में आयोजित कुम्भ मेले के दौरान कथित तौर पर 180 करोड़ रूपये की वित्तीय अनियमितता के आरोपों की सीबीआइ से जांच कराने की मंगवार को मुख्य सचिव से सिफारिश की। उस समय राज्य में भाजपा सरकार थी।
मध्यप्रदेश में पिछले 8-10 सालों में कई मंत्रियों, विधायकों एवं बड़े अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय में भ्रष्टाचार, अनियमितता और अन्य मामले चल रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ पहले भी डंपर मामला चल चुका है और अब उन पर व्यापमं घोटाले में उनकी संलिप्तता का आरोप विपक्षी दलों सहित सामाजिक कार्यकर्ता लगा रहे हैं।
भारत सरकार एफएम रेडियो पर समाचार प्रसारित करने की इजाजत देने पर विचार कर रही है। सरकार का कहना है कि वह निजी एफएम रेडियो पर कुछ नियमों के साथ समसामयिक समाचार प्रसारित करने की अनुमति देने के प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार है।
अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने इराक, सीरिया और उत्तर कोरिया के साथ पाकिस्तान को वैश्विक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में चिह्नित करते हुए कहा है कि ये देश नीति निर्माताओं के सामने सामरिक एवं रणनीतिक चुनौतियां पेश करते हैं।
सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।