फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद से अभिनेता गजेंद्र चौहान को हटाने की छात्रों की मांग को लेकर 100 दिन से अधिक समय से जारी गतिरोध समाप्त करने में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों और एफटीआईआई छात्रों के बीच आज ताजा दौर की बैठक असफल रही।
एक भारतीय लड़की के आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल होने की खबर ने खुफिया एजेंसियों समेत लोगों को हैरत और चिंता में डाल दिया है। लड़की सेना के एक सेवानिवृत्त आलाधिकारी की बेटी बताई जा रही है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 64 फाइलों को उनके परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में सार्वजनिक कर दिया है। इसके साथ ही उनकी मौत को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। कहा जा रहा है कि सार्वजनिक हुई इन फाइलों से नेताजी के सन 1945 के बाद भी जिंदा होने के संकेत मिलते हैं।
केंद्र सरकार ने नए मुख्य सूचना आयुक्त और केंद्रीय सूचना आयोग में कुछ अन्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए बुधवार से आवेदन मंगाने शुरू कर दिए हैं। वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त (सीवीसी) विजय शर्मा का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है जबकि दस सूचना आयुक्तों की पारदर्शी टीम में तीन सूचना आयुक्तों का पद भी खाली है।
दाऊद इब्राहिम के खिलाफ भारत की ओर से गुप्त अभियान चलाए जाने की खबर को लेकर पर सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ को ट्वीटर पर देनी पड़ी सफाई। इस मुद्दे पर पर सोशल मीडिया के निशाने पर आ गए थे।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति के स्वरों को पर्याप्त जगह देना ही नहीं बल्कि इन स्वरों का संरक्षण देना भी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है। मगर ऐसा लगता है कि हमारी केंद्र सरकार असहमति की छोटी से छोटी आवाज भी नहीं सुनना चाहती। तभी तो उसने देश के तीन बड़े समाचार चैनलों को याकूब मेमन की फांसी के कवरेज पर नोटिस जारी कर दिया है।
सूचना के अधिकार के तहत मिला नरेंद्र मोदी की सिर्फ दो यात्राओं का आंशिक ब्यौरा। सेशल्स में 1,26,61,928 रुपये (एक करोड़, छब्बीस लाख, 61 हजार 9सौ अठाइस रुपये) और मॉरिशस में 13,792,690 (1करोड़, 37 लाख, 92 हजार, छह सौ नब्बे रुपये खर्च हुए और यह आंशिक खर्च है। आखिर क्यों नहीं दे रहा पीएमओ पूरा ब्यौरा?
नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से पत्रकारों को रक्षा, गृह, विदेश, वित्त मंत्रालय के बाद अब संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन में भी जाने पर मौखिक आदेश के जरिये प्रतिबंध लगा दिया गया है। पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी इन मंत्रालयों में जाने पर सुरक्षाकर्मी तभी अंदर जाने देते हैं जब अधिकारी चाहें।
देश के पहले सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहस्यमय तरीके से गायब होने से जुड़े दस्तावेज हैं ही नहीं। उन्हें या तो चूहें कुतर गए या वे गुम हो गए।