पाकिस्तान में भारतीय मूक-बधिर लड़की गीता की एक दशक से ज्यादा समय तक देखभाल करने वाले ईधी फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित एक करोड़ रूपये का दान लेने से मना कर दिया है।
कई साल पहले ग़ुम होकर पाकिस्तान पहुंची मूक बधिर लड़की गीता आज भारत लौट आई है। लेकिन उसने अपने कथित परिवार को पहचानने से इंकार कर दिया है। फिल्म 'बजरंगी भाईजान' की वजह से गीता का मामला मीडिया में प्रमुखता से उठा था और आज वह अपने देश लौटने में कामयाब रही है। इस प्रकरण ने भारत और पाकिस्तान की जनता के दिलों को जोड़ने का काम भी किया है।
करीब एक दशक पहले दुर्घटनावश सीमा पार कर पाकिस्तान चली गई और वहीं रह रही मूक-बधिर भारतीय लड़की गीता कल भारत वापस आएगी। इस संबंध में दोनों देशों की सरकारों ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं।
बोलने-सुनने में अक्षम लोगों के लिए यहां चलाया जा रहा पुलिस सहायता केंद्र बॉलीवुड सितारे सलमान खान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म बजरंगी भाईजान को सांकेतिक भाषा में डब करने की तैयारी में जुटा है।
विवादों के बीच भोपाल में शुरू हुआ 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन बगैर कोई छाप छोड़े समाप्त हो गया। पूरे कार्यक्रम के आयोजन में इसके उद्घाटन और समापन पर ही आयोजकों का सारा फोकस था। पर उसके बावजूद कार्यक्रम पूरी तरह से अपने उद्देश्यों से दिशाहीन होकर समाप्त हो गया। विवादों का ही असर हुआ जिसके चलते सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इसके समापन समारोह में अपने पहले से तय कार्यक्रम के बावजूद नहीं आए।
भगवत गीता के संदेश द बीटल्स, माइकल जैक्सन, विलियम शेक्सपियर, रूडयार्ड किपलिंग और जे. के रोलिंग के संदेशों में ढूंढे जा सकते हैं और गीता का दर्शन उनकी रचनाओं में नजर आता है।
एक मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा का उर्दू में भावानुवाद कर देश की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल सामने रखी है। जौनपुर के निवासी आबिद अल्वी ने भाषा (एजेंसी) से बातचीत में कहा मैंने उर्दू शायरी की मुसद्दस विधा में हनुमान चालीसा का भावानुवाद किया है।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, गृह मंत्रालय भारतीय एनजीओ को मिलने वाले विदेशी अनुदान पर नियम-कायदों का शिकंजा कसने के लिए एक नया तंत्र विकसित करने जा रहा है, जिसकी घोषणा 15 जून तक हो सकती है। इस नई नियामक व्यवस्था में खुफिया ब्यूरो, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और गृह मंत्रालय की एफसीआरए विंग के बीच मजबूत तालमेल रहेगा। विदेशी अनुदान हासिल करने वाले सभी गैर-सरकारी संगठनों को एक वेबसाइट बनानी होगी और फंड हासिल करने के 48 घंटे के अंदर इसकी जानकारी सार्वजनिक कर अपनी गतिविधियों और सहयोगी संस्थाओं की पूरी जानकारी देनी पड़ेगी।