पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनावों के पहले चरण में शांतिपूर्ण तरीके से भारी मतदान हुआ और दोनों राज्यों में क्रमश: 80 और 70 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया।
चुनाव आयोग ने शनिवार को निर्देश दिया कि असम और पश्चिम बंगाल में तीन और चार अप्रैल को बिना मंजूरी के किसी भी अखबार में विज्ञापन प्रकाशित नहीं होगा। भाजपा द्वारा बिहार चुनावों के दौरान विवादास्पद विज्ञापन जारी होने के परिप्रेक्ष्य में यह कदम उठाया गया है। असम और पश्चिम बंगाल में प्रथम चरण का चुनाव चार अप्रैल को होगा।
प्राइमरी के रिटायर शिक्षक, रिटायर सरकारी कर्मचारी या फिर फुल टाइम राजनीतिक कार्यकर्ता। इन सभी का बैंक बैलेंस, संपत्ति चार-पांच साल में कितनी बढ़ सकती है? कुछ फीसद, दोगुनी, तिगुनी... या फिर 50 गुनी? बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की निजी संपदा में तो इसी कदर इजाफा हुआ है। चुनाव लड़ रहे कुछ नेताओं ने नामांकन भरते समय चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में अपनी संपत्ति का जो ब्यौरा दिया है, उससे तो यही लगता है।
मतदाता प्रतिशत बढ़ाने के लिए और ईमानदार मतदान को प्रोत्साहित करने के लिए चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में धुआंधार प्रचार कर रहा है। इस प्रचार अभियान के तहत आयोग का प्रमुख ध्यान महिला और युवा मतदाताओं पर है।
देश की शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक के बारे में कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि उसके मन में भारत के प्रति कोई प्यार और सम्मान नहीं है। उपभोक्ता अदालत ने यह भी कहा कि बैंक ने विदेश में फंसे एक दंपति के डेबिट कार्ड को चालू नहीं कर देश की साख को खतरे में डाला।
चुनाव आयोग डाल-डाल और राजनीतिक पार्टियां पांत-पांत। बंगाल के विधानसभा चुनाव में जिस तरह से सरगर्मी दिख रही है, उससे साफ है कि पैसा पानी की तरह बहाने की तैयारी है और राजनीतिक दलों ने इसके रास्ते पहले से ही तैयार कर रखे हैं। चुनाव आयोग के मापदंडों के हिसाब से पार्टियां चलें तो एक राजनीतिक दल अधिकतम 82 करोड़ रुपए खर्च कर पाएगा। लेकिन तैयारी इससे कई गुना ज्यादा उड़ाने की है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाने के लिए 2016-17 के बजट में 70,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पश्चिम बंगाल में छह चरण में विधानसभा चुनाव होंगे और सभी 77247 मतदान केन्द्रों पर केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी। यह ऐसी घोषणा है, जिसका तृणमूल कांग्रेस अरसे से विरोध करती आ रही है। चुनाव में केन्द्रीय बलों की तैनाती न की जाए और तीन चरणों में मतदान कराए जाएं - इसके लिए तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने तीन बार चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने आज पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों की घोषणा की गई है। चुनाव कार्यक्रम की शुरुआत असम और पश्चिम बंगाल से होगी जबकि समापन केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होगा।