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Search Result : "ग्रामीण महिलाओं को रोजगार"

नाइजीरिया में महिलाओं के हक में ऐतिहासिक फैसला

नाइजीरिया में महिलाओं के हक में ऐतिहासिक फैसला

नाइजीरिया में आधी आबादी के हक में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। वहां वर्षों पुरानी प्रथा ‘महिलाओं के खतने’ (एफजीएम) पर कानूनी रोक लगा दी गई है। प्रचलित भाषा में इसे ‘एफजीएम’ कहते हैं यानी कि महिलाओं की योनि का संवेदनशील हिस्सा ब्लेड के जरिये काट कर हटा देना जिससे महिलाएं यौन सुख से वंचित रहें।
गांव में शहर से बेहतर टीकाकरण

गांव में शहर से बेहतर टीकाकरण

हाल में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक भारत में शहरों की तुलना में गांवों में बच्चों का टीकाकरण कराने की दर बेहतर है जबकि पहले के अध्ययनों के परिणामों में इसके विपरीत बात कही गई थी। इसके साथ ही टीकाकरण की दर के मामले में मुसलमानों के बजाए हिंदू परिवारों के बच्चे बेहतर स्थिति में हैं।
सऊदी राजनयिक पर दो नेपाली महिलाओं से गैंगरेप का आरोप

सऊदी राजनयिक पर दो नेपाली महिलाओं से गैंगरेप का आरोप

गुड़गांव में सऊदी अरब के एक राजनयिक पर दो नेपाली महिलाओं से सामूहिक बलात्‍कार और बंधुआ बनाकर प्रता‍ड़‍ित करने का मामला दर्ज किया गया है। कथित तौर पर सेक्‍स बंधक बनाई गई ये महिलाएं मां-बेटी बताई जा रही हैं।
नेपाली महिलाओं की आपबीती, चाकू की नोक पर होता था रेप

नेपाली महिलाओं की आपबीती, चाकू की नोक पर होता था रेप

नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मानव तस्‍करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। गुड़गांव में सऊदी राजनयिक के फ्लैट से छुड़ाई गई नेपाली मां-बेटियों ने इस त्रासदी की भयानक तस्‍वीर पेश की है।
आजादी विशेष / दलितों के लिए कानून हैं, अमल नहीं

आजादी विशेष / दलितों के लिए कानून हैं, अमल नहीं

भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के उत्थान के लिए संविधान में कई अनुच्छेद बड़ी सतर्कता से शामिल किए। इन अनुच्छेदों में समाज में दलितों को समान दर्जा, अस्पृश्यता उन्मूलन और उनके प्रति भेदभाव मिटाने के प्रावधान, सबके लिए मौलिक अधिकारों के प्रावधान, समान न्यायिक सुरक्षा, मताधिकार और शिक्षा, रोजगार, पदोन्नति में आरक्षण, तरक्की तथा राजनीतिक प्रतिनिधित्व के प्रावधान रखे गए।
आजाद हिंदुस्तान में महिलाओं की कानूनी बेड़ियां | इंदिरा जयसिंह

आजाद हिंदुस्तान में महिलाओं की कानूनी बेड़ियां | इंदिरा जयसिंह

अगर आजादी का मतलब विदेशी हुकूमत से आजादी है तो वह यकीनन हमने हासिल कर ली। लेकिन सवाल यह है कि क्या महिलाओं को परंपराओं-मान्यताओं की जकड़न से आजादी मिली ? या पुराने पड़ चुके कानूनों ने उन्हें दूसरे तरह की जकड़न में बांध दिया है, आजाद हिंदुस्तान के कानूनों की बेड़ियां ?
माल्दा: दो महिलाओं से सामूहिक रेप, एक की मौत

माल्दा: दो महिलाओं से सामूहिक रेप, एक की मौत

पश्चिम बंगाल के माल्दा जिले में कुछ लोगों ने दो महिलाओं से कथित सामूहिक बलात्कार किया। इनमें से एक महिला के विरोध करने पर आरोपियों ने उसे बुरी तरह मारा-पीटा जिससे उसकी मौत हो गई।
सरकारी आंकड़ों के समंदर में तैरती सच्‍चाई

सरकारी आंकड़ों के समंदर में तैरती सच्‍चाई

इसी महीने जारी सामाजिक-आर्थिक-जाति जनगणना (एसईसीसी) के आंकड़े देखकर हम दिल्ली में समुंदर खोजने लग गए। इन आंकड़ों के नुसार दिल्ली में मछली पकड़ने की मशीनी नौकाएं 14,468 परिवारों के पास हैं-बड़े समुद्र तटीय क्षेत्र वाले तमिलनाडु के 13,760 परिवारों के पास ऐसी नौकाओं से कहीं ज्यादा। और तमिलनाडु के बड़े तटीय भूभाग को पखारता विशाल समुंदर और उसमें दूर-दूर तक डूबती-उतराती, मछली मारने के लिए जाल फैलाती अनगिनत मशीनी और मानव चालित नौकाएं हमने आंखों देखी हैं।
आधी आबादी मजदूर, लेकिन अति वंचित 1% से कम?

आधी आबादी मजदूर, लेकिन अति वंचित 1% से कम?

केंद्र सरकार ने लंबे इंतजार के बाद सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 के कुछ आंकड़े जारी किए हैं। हालांकि, जाति से जुड़े आंकड़ों का अभी भी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन ग्रामीण भारत से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्‍य सामने आए हैं। इनमें से कुछ आंकड़े काफी विवादस्‍पद नजर आते हैं। नतीजों को सार्वजनिक करने में देरी और आपत्तियों की सुनवाई को लेकर यह जनगणना पहले ही सवालों से घिरी है। जानिए देश के 640 जिलों में हुई सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना ग्रामीण भारत की कैसी तस्‍वीर पेश करती है-