दिल्ली में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में अतिथि देश चीन के प्रकाशकों ने गुरूदेव रवींद्र नाथ टैगोर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चीनी लेखकों की किताबें पेश की हैं।
सरकार ने देश में रेलवे के विकास एवं विस्तार के लिए पांच वर्षों में 8.56 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। इस बारे में निवेश योजनाओं में बजटीय संसाधनों एवं आंतरिक सृजन के अलावा संस्थागत वित्त पोषण, सर्वजनिक निजी भागीदारी और ऋण आदि के जरिये वित्त व्यवस्था करना शामिल है।
रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप सम्मिट में देश दुनिया के धनकुबेरों का दो दिवसीय मिलन जयपुर में हुआ। राजस्थान सरकार द्वारा पूंजी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से किए गए इस आयोजन में 300 निवेश करार हुए जिनसे 4 लाख करोड़ का निवेश राज्य में आने की संभावना बनती दिखाई दे रही है। इतना ही नहीं बल्कि इससे ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलने का भी दावा किया जा रहा है। अनुमान है कि रिसर्जेंट राजस्थान के इस आयोजन पर राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपये खर्च किया है। यह खर्च है कोई निवेश नहीं है। जनता की गाढ़ी कमाई का यह पैसा सिर्फ मेहमान नवाजी पर ही खर्च हो गया है। जयपुर की जनता को दो तीन दिन जो असुविधाएं झेलनी पड़ी वह तो अलग ही हैं। लोग पूछ रहे हैं कि जिस मुख्यमंत्री को अपने राज्य की जनता से मिलने तक कि फुर्सत नहीं होती है, कभी-कभार ही सभाओं में उनके दर्शन हो पाते हैं, वह पूंजीपतियों के मध्य कितनी आसानी से उपलब्ध हैं। यह अवसर राजस्थान के उन मतदाताओं को क्यों नहीं मिल पाता है जिन्होंने वोट दे कर प्रचंड बहुमत से उनकी सरकार चुनी है।
हिंदुस्तान को पूरी दुनिया में मधुमेह या डायबिटीज राजधानी कहते हैं और इसे कलंक का यह तमगा यूं ही नहीं मिल गया है। हकीकत यह है कि दुनिया भर में करीब 34 करोड़ लोग मधुमेह से ग्रस्त हैं। इसमें भी 20 फीसदी यानी करीब 7 करोड़ मरीज अकेले भारत में हैं। यह आंकड़ा देश की कुल जनसंक्चया का करीब 3 फीसदी है। मधुमेह को बाकी बीमारियों की गंगोत्री कह सकते हैं। इससे पीड़ित होने के बाद अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में में आना महज वक्त की बात होती है।
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने समाचारों की गुणवत्ता तथा पत्रकारों के प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान नहीं दिए जाने पर चिंता जाहिर करने के साथ ही आज कहा कि सरकार न्यूज चैनलों में और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लाने के मुद्दे पर विचार कर रही है।
अमेरिकी मीडिया में आई इस खबर पर चुटकी लेते हुए कि अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्चे के तौर पर भारत ने चीन की जगह ले ली है, सरकारी चाइना डेली ने एक आलेख में कहा है कि भारत उस मुकाम तक भी नहीं पहुंच पाया है, जहां चीन पांच साल पहले था।
बेंगलुरू में भारत-जर्मनी व्यवसायी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने अपने-अपने देश मे निवेश के लिए उद्योग जगत का आह्वान किया।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज अन्य देशों से भारत को अपना विनिर्माण केंद्र बनाने का आह्वान किया और कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में रेलवे की सेवाओं के विकास के लिए 120 अरब डॉलर का निवेश करेगी।
यह तो सभी मानते थे कि चीन दुनिया की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखता है मगर इस बार इसका असर गंभीरता से नजर आया। चीन के इस प्रभाव ने दुनिया की अर्थव्यवस्था के प्रति चिंता बढ़ा दी है।